भारत सहित दुनिया भर के वैज्ञानिक जहां कोरोना वायरस से सुरक्षा देने वाली सुरक्षित वैक्सीन को पेश करने के लिए दिन रात मेहनत कर रहे हैं, वहीं रूस ने दो हफ्ते के भीतर दूसरी बार कोरोना की दो वैक्सीन पेश करने का दावा कर दिया है। रूस ने पहली वैक्सीन का नाम Sputnik5 रखा था। दूसरी वैक्सीन को EpiVacCorona नाम दिया गया है। ब्रिटिश अखबार डेली मेल के मुताबिक रूस ने दावा किया है कि दूसरी वैक्सीन में पहली वैक्सीन के साथ सामने आई साइड इफेक्ट वाली परेशानी भी हल कर ली है। ऐसे में अब यह वैक्सीन लेने पर व्यक्ति को किसी प्रकार का कोई नुकसान नहीं होगा।
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बता दें कि इससे पहले 11 अगस्त को रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि रूस ने कोरोना वायरस की सफल वैक्सीन तैयार कर ली है। रूस ने इस वैक्सीन का रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। ऐसा करने वाला रूस पहला देश बन गया था। रूस ने पहली कोरोना वैक्सीन के उपयोग की इजाजत भी दे दी थी
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रूस के अनुसार ने पहली वैक्सीन स्पुतनिक5 के मुकाबले दूसरी वैक्सीन को एपिवेककोरोना ज्यादा सुरक्षित है। वैक्सीन का क्लिनिकल ट्रायल सितंबर में पूरा होगा, लेकिन जिन 57 वॉलेंटियर्स को वैक्सीन लगाई गई है, उनमें से किसी को भी साइड इफेक्ट का सामना नहीं करना पड़ा है। दूसरी वैक्सीन का निर्माण साइबेरिया के वर्ल्ड क्लास वायरोलॉजी इंस्टीट्यूट (वेक्टर स्टेट रिसर्च सेंटर ऑफ वायरोलॉजी एंड बायोटेक्नोलॉजी) में किया है। पहले यह इंस्टीट्यूट टॉप सीक्रेट बायोलॉजिकल वेपन रिसर्च प्लांट हुआ करता था।
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एपिवेककोरोना की भी दो खुराकें लगाई जाएंगी। पहली खुराक के 14 से 21 दिन के बाद दूसरी खुराक दी जाएगी। रूस को उम्मीद है कि अक्टूबर तक इस वैक्सीन को रजिस्टर कर लिया जाएगा और नवंबर से इसका उत्पादन शुरू हो जाएगा