मास्को (रूस): रूसी डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के प्रमुख किरिल दमित्रीवे के अनुसार, दुनिया के 20 देशों ने रूस की कोरोना वैक्सीन ‘स्पूतनिक वी’ की करोड़ों डोज की मांग की है। यह जानकारी खुद किरिल दमित्रीवे ने एक बयान में दी। किरिल के अनुसार, लैटिन अमेरिकी, मध्य पूर्व और कुछ एशियाई देशों ने कोरोना वैक्सीन की मांग की है।
हालांकि, किरिल दमित्रीवे ने भारत या किसी भी और देश का नाम नहीं लिया। लेकिन, भारत एशियाई देशों में आता है। ऐसे में भारत ने वैक्सीन की मांग की है या नहीं, इस पर कोई स्पष्टता नहीं है। भारत और रूस की ओर से इस पर कोई भी आधिकारिक बयान नहीं आया है। बता दें कि भारत भी अपनी कोरोना वैक्सीन तैयार कर रहा है।
किरिल दमित्रीवे ने कहा कि रूस की कुछ देशों के साथ कोरोना वैक्सीन देने को लेकर डील भी हो गई है। दमित्रीवे ने कहा कि विदेशी सहयोगियों की मदद से अब रूस पांच देशों में हर साल वैक्सीन की 50 करोड़ डोज तैयार करेगा। उन्होंने यह भी बताया कि वैक्सीन के तीसरे चरण का ट्रायल यूएई और सऊदी अरब समेत कुछ दूसरे अन्य देशों में होगा।
रूस के स्वास्थ्य मंत्री मिखाइल मुरास्खो ने वैक्सीन को लेकर दावा किया है कि 'वैक्सीन का दो साल तक असर रहेगा। जिस शख्स को यह वैक्सीन दी जाएगी वह दो साल तक कोरोना से पूरी तरह सुरक्षित रहेगा।' रूस में इसी मही डॉक्टरों को ये वैक्सीन लगनी शुरू हो जाएगी। रूस के उप प्रधानमंत्री तात्याना गोविकोवा ने यह जानकारी दी।
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बताया कि वैक्सीन इस्तेमाल के लिए तैयार है, वह रजिस्टर हो गई है। उन्होंने बताया कि उनकी बेटी को वैक्सीन दी जा चुकी है। उन्होंने कहा कि उनकी दो बेटियों में से एक को वैक्सीन का एक शॉट मिला है और वह अच्छा महसूस कर रही है। यह बात उन्होंने मंगलवार को कही थी।