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कोमा से बाहर आने के बाद पुतिन के ‘सबसे बड़े दुश्मन’ नवलनी ने दिया बड़ा बयान

रूस में विपक्ष के नेता अलेक्सी नवलनी ने कहा है कि जर्मनी के अस्पताल में उनकी मौखिक और शारीरिक क्षमताएं फिर से लौट रही हैं, लेकिन शुरुआत में वह अपनी स्थिति को लेकर नाउम्मीद हो गए थे।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Updated on: September 19, 2020 20:57 IST
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Image Source : AP FILE रूस में विपक्ष के नेता अलेक्सी नवलनी ने कहा है कि जर्मनी के अस्पताल में उनकी मौखिक और शारीरिक क्षमताएं फिर से लौट रही हैं।

मॉस्को: रूस में विपक्ष के नेता अलेक्सी नवलनी ने कहा है कि जर्मनी के अस्पताल में उनकी मौखिक और शारीरिक क्षमताएं फिर से लौट रही हैं, लेकिन शुरुआत में वह अपनी स्थिति को लेकर नाउम्मीद हो गए थे। ऐसा माना जा रहा है कि नवलनी को नर्व एजेंट का इस्तेमाल कर जहर दिया गया था। जर्मनी के अस्पताल में उनका इलाज चल रहा है। नवलनी रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के धुर विरोधी हैं। वह 20 अगस्त को साइबेरिया से मास्को आते समय विमान में बीमार पड़ गये थे और उन्हें जर्मनी ले जाया गया, जहां वह 2 हफ्ते तक कोमा में रहे।

‘कोमा से बाहर आने के बाद कुछ समझ नहीं आ रहा था’

नवलनी की टीम के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि जहर दिए जाने की इस घटना में रूस सरकार शामिल है, लेकिन रूसी अधिकारियों ने इस आरोप को सिरे से खारिज किया था। नवलनी ने शनिवार को इंस्टाग्राम पर लिखा कि कोमा से बाहर आने के बाद उन्हें कुछ समझ नहीं आ रहा था और उन्हें डॉक्टरों के सवालों का जवाब देने के लिए शब्दों का चयन करने में संघर्ष करना पड़ रहा था। नवलनी ने अपनी एक तस्वीर साझा की, जिसमें वह सीढ़ियों पर खड़े हैं।


‘मैं डॉक्टरों के सवाल समझकर भी जवाब नहीं दे पा रहा था’
उन्होंने लिखा, ‘हालांकि मुझे यह समझ आ रहा था कि चिकित्सक क्या पूछ रहे हैं, लेकिन मैं यह नहीं समझ पा रहा था कि मैं जवाब देने के लिए किन शब्दों का इस्तेमाल करूं। मुझे अपनी निराशा व्यक्त करने के लिए भी शब्द नहीं मिल रहे थे, इसलिए मैं चुप ही रहा। अब मैं ऐसा व्यक्ति हो गया हूं, जिसके पैर सीढ़ियां चढ़ते समय कांपने लगते हैं, लेकिन फिर सोचता हूं: अरे, यह सीढ़ी है। शायद मुझे एलीवेटर ढूंढना चाहिए। और पहले, मैं वहां खड़े रहकर केवल घूरता रहता था।’

बर्लिन में अपना इलाज करने वाले डॉक्टरों की तारीफ की
उन्होंने कहा कि बर्लिन के अस्पताल में उनका उपचार करने वाले चिकित्सकों ने उन्हें केवल ‘सिर्फ तकनीकी रूप से जीवित व्यक्ति से एक ऐसे व्यक्ति के रूप में बदल दिया है, जिसके पास आधुनिक समाज में मनुष्य का सर्वश्रेष्ठ रूप बनने का फिर से पूरा मौका है- एक ऐसा व्यक्ति, जो इंस्टाग्राम देख सकता है और बिना हिचकिचाहट के यह समझ सकता है कि किस पोस्ट पर लाइक का बटन दबाना है।’

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