वेटिकन सिटी: सीरिया में चल रहे युद्ध पर पोप फ्रांसिस ने एक बेहद ही भावुक बयान दिया है। उन्होंने सीरिया में हो रही हिंसा को अमानवीय करार देते हुए उसकी निंदा की। इसके साथ ही पोप ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) के उस प्रस्ताव का समर्थन किया जिसमें संघर्ष विराम की मांग की गई है। इस संघर्ष विराम का उद्देश्य सीरियाई लोगों को खाना और दवाइयां पहुंचाना है। इसके अलावा संघर्ष विराम की स्थिति में बीमारों एवं घायलों को निकाला जा सकता है।
सेंट पीटर्स स्क्वायर में फ्रांसिस के नेतृत्व में हजारों लोगों ने हिंसा के तत्काल समापन के लिए रविवार को प्रार्थना की। उन्होंने कहा कि फरवरी का महीना 7 साल के संघर्ष के दौरान सबसे हिंसक रहा। सैकड़ों, हजारों बच्चों, महिलाओं, बुजुर्गों और अस्पताल में भर्ती मरीजों समेत हजारों लोग प्रभावित हुए हैं। पोप ने कहा कि सीरिया में लोगों के पास खाने तक को कुछ नहीं है।
उन्होंने कहा यह अमानवीय है। पोप ने कहा कि आप शैतान से शैतान की तरह नहीं लड़ सकते हैं। शनिवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने समूचे सीरिया में 30 दिन के संघर्ष विराम की मांग करने वाला प्रस्ताव पारित किया था, ताकि लाखों लोगों को मानवीय सहायता की आपूर्ति करायी जा सके और गंभीर रूप से घायलों तथा बीमारों को निकाला जा सके। हालांकि इसके बाद भी सीरिया में हमले जारी रहे।