Friday, November 22, 2024
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PM Modi COP26 Updates: पीएम मोदी ने भारत समेत विकासशील देशों के किसानों के लिए होने वाली चुनौती का मुद्दा उठाया

ग्लासगो में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26' को संबोधित करते हुए PM मोदी ने पंचाअमृत का मंत्र दिया। मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए वन वर्ल्ड का अभियान चलाना होगा। जलवायु परिवर्तन को एक जन आंदोलन बनाना होगा। भारत 2030 तक 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी बनाएगा।

Written by: Bhasha
Updated on: November 01, 2021 22:47 IST

ग्लासगो. ग्लासगो में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26' को संबोधित करते हुए PM मोदी ने कहा कि मेरे लिए पेरिस में हुआ आयोजन, एक समिट नहीं, सेंटीमेंट था, एक कमिटमेंट था। और भारत वो वायदे, विश्व से नहीं कर रहा था, बल्कि वो वायदे, सवा सौ करोड़ भारतवासी, अपने आप से कर रहे थे। आज विश्व की आबादी का 17 प्रतिशत होने के बावजूद, जिसकी इमिशन में दायित्व सिर्फ 5 प्रतिशत रही है, उस भारत ने अपना कर्तव्य पूरा करके दिखाने में कोई कोर कसर बाकी नहीं छोड़ी है। 

स्कॉटलैंड के ग्लासगो में हो रहे संयुक्त राष्ट्र के अंतरराष्ट्रीय जलवायु शिखर सम्मेलन ‘COP26’ को संबोधित करते हुए पीएम मोदीने भारत समेत विकासशील देशों के किसानों के लिए होने वाली चुनौती का मुद्दा उठाया। PM मोदी ने कहा कि मैं आज आपके सामने एक, वन वर्ड मूवमेंट का प्रस्ताव रखता हूं।यह एक शब्द क्लाइमेट के संदर्भ में एक विश्व का मूल आधार बन सकता है, अधिष्ठान बन सकता है। ये एक शब्द है- लाइफ... एल, आई, एफ, ई, यानि लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आज मैं आपके बीच उस भूमि का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं जिस भूमि ने हज़ारों वर्षों पहले ये मंत्र दिया था 'संगच्छध्वं संवदध्वं सं वो मनांसि जानताम्'  आज 21वीं सदी में ये मंत्र और भी ज्यादा प्रासंगिक हो गया है। आज जब मैं आपके बीच आया हूं तो भारत के ट्रैक रिकॉर्ड को भी लेकर आया हूं। मेरी बातें, सिर्फ शब्द नहीं हैं, ये भावी पीढ़ी के उज्जवल भविष्य का जयघोष हैं। आज भारत स्थापित रिन्यूएबल एनर्जी क्षमता में विश्व में चौथे नंबर पर है। विश्व की पूरी आबादी से भी अधिक यात्री, भारतीय रेल से हर वर्ष यात्रा करते हैं। इस विशाल रेलवे सिस्टम ने अपने आप को 2030 तक ‘नेट ज़ीरो’ बनाने का लक्ष्य रखा है। अकेली इस पहल से सालाना 60 मिलियन टन एमिशन की कमी होगी। 

पीएम मोदी ने आगे कहा कि मैं आज आपके सामने एक, वन वर्ड मूवमेंट का प्रस्ताव रखता हूं।यह एक शब्द क्लाइमेट के संदर्भ में एक विश्व का मूल आधार बन सकता है, अधिष्ठान बन सकता है। ये एक शब्द है- लाइफ... एल, आई, एफ, ई, यानि लाइफस्टाइल फॉर एनवायरनमेंट। क्लाइमेट चेंज पर इस वैश्विक मंथन के बीच, मैं भारत की ओर से, इस चुनौती से निपटने के लिए पांच अमृत तत्व रखना चाहता हूं, पंचामृत की सौगात देना चाहता हूं। पहला- भारत, 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगावाट तक पहुंचाएगा। दूसरा- भारत, 2030 तक अपनी 50 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकताओं, नवीकरणीय ऊर्जा से पूरी करेगा। तीसरा- भारत अब से लेकर 2030 तक के कुल प्रोजेक्टेड कार्बन एमिशन में एक बिलियन टन की कमी करेगा।

ग्लासगो में आयोजित 'वर्ल्ड लीडर समिट ऑफ कोप-26' को संबोधित करते हुए PM मोदी ने पंचाअमृत का मंत्र दिया। मोदी ने कहा कि जलवायु परिवर्तन के लिए वन वर्ल्ड का अभियान चलाना होगा। जलवायु परिवर्तन को एक जन आंदोलन बनाना होगा। 7 साल में हमने 25 प्रतिशत ज्यादा ग्रीन एनर्जी बनाई। LED अभियान से साल में 4 करोड़ कार्बन एमिशन कम किया। भारत 2030 तक 500 गीगावाट ग्रीन एनर्जी बनाएगा। 2070 तक भारत नेट जीरो का लक्ष्य हासिल करेगा। विकसित देश 1 ट्रिलियन डॉलर का फंड मुहैया कराएं। पेरिस समझौता मेरे लिए एक कमिटमेंट था। दुनिया मानती है कि भारत ने पेरिस समझौते का पालन किया। मेरी बातें भावी पीढ़ी के भविष्य का जयघोष है।

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