हैमबर्ग: जर्मनी के शहर हैमबर्ग में जारी जी20 शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पाकिस्तान पर इशारों-इशारों में निशाना साधा। PM ने पाकिस्तान का जिक्र लिए बिना आतंकी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद का नाम लिया और कहा कि कुछ देश राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए आतंकवाद का एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने जी-20 के सदस्य देशों से इस तरह के राष्ट्रों के खिलाफ सामूहिक कदम उठाने की मांग की।
मोदी ने जी-20 शिखर बैठक को संबोधित करते हुए लश्कर और जैश की तुलना इस्लामिक स्टेट और अलकायदा से की और कहा कि इनके नाम भले ही अलग हों, लेकिन इनकी विचारधारा एक है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग जैसे विश्व नेताओं की मौजूदगी में मोदी ने इस बात पर अफसोस जताया कि आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया कमजोर है और उन्होंने कहा कि इस समस्या का मुकाबला करने के लिए और सहयोग की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने 11 सूत्री कार्य एजेंडा पेश किया जिसमें जी-20 देशों के बीच आतंकवादियों की सूचियों के आदान-प्रदान, प्रत्यर्पण जैसी कानूनी प्रक्रियाओं को आसान बनाने एवं गति देने तथा आतंकवादियों को धन एवं हथियारों की आपूर्ति पर अंकुश लगाने के लिए ठोस कदम उठाने के सुझााव शामिल हैं। मोदी ने पाकिस्तान की ओर स्पष्ट रूप से इशारा करते हुए कहा, ‘कुछ देश आतंकवाद का इस्तेमाल राजनीतिक लक्ष्यों को हासिल करने के लिए कर रहे हैं।’ PM मोदी ने दक्षिण एशिया में सक्रिय आतंकी संगठनों लश्कर और जैश की तुलना इस्लामिक स्टेट, अल कायदा और बोको हराम से करते हुए कहा कि इनकी एकमात्र विचारधारा नफरत फैलाना और नरसंहार करना है।