लंदन: भारत के विकास के पक्ष में और देश में हो रहे ‘‘ अत्याचारों ’’ के खिलाफ हजारों लोगों की नारेबाजी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का ब्रिटेन में स्वागत किया। प्रधानमंत्री मोदी चोगम में भाग लेने के लिए चार दिवसीय यात्रा पर कल ही ब्रिटेन पहुंचे हैं। वहीं , साड़ी पहनी महिलाओं के एक ‘ फ्लैश मॉब ’ ने ढोल की थापों के साथ 10 डाऊनिंग स्ट्रीट पर मोदी के पक्ष में भी समां बांधा। मोदी ब्रिटिश प्रधानमंत्री टेरीजा मे से मिलने के लिए कल उनके सरकारी आवास पहुंचे थे। डाऊनिंग स्ट्रीट और संसद चौक के पास ब्रिटेन के अलग-अलग हिस्सों से आए फ्रेंड्स ऑफ इंडिया सोसायटी इंटरनेशनल ( एफआईएसआई ) समूह के लोग भी मौजूद थे। इन लोगों ने ‘ चक दे इंडिया ’ और ‘ जय हिन्द ’ के बैनर लहराये। (ट्रंप ने कहा, रूस के प्रति अपनाया सख्त रवैया, जरूरत महसूस होते ही लगाया जाएगा प्रतिबंध )
यहां एकत्र लोगों में से एक ने कहा , ‘‘ हम ब्रिटेन में भारत के प्रधानमंत्री का स्वागत करना चाहते हैं और उन्हें भारतवंशियों की ओर से प्राप्त समर्थन का प्रदर्शन करना चाहते हैं। ’’ वहीं दूसरी ओर , कास्टवाच यूके और साऊथ एशिया सॉलिडेरिटी ग्रुप के लोगों ने मोदी के खिलाफ प्रदर्शन किया और ‘‘ मोदी तुम्हारे हाथ खून से रंगे हैं ’’ ‘‘ नरेंद्र मोदी का स्वागत नहीं ’’ जैसे बैनर दिखाये। कास्ट वाच यूके के प्रवक्ता ने कहा , ‘‘ लोकतंत्र , विधि के शासन और देश की एकता के लिए खतरा बन रहे तानाशाही की ओर भारत को बढ़ने से रोकने के लिए हिन्दु राष्ट्रवाद को रोकना होगा। ’’ उनके साथ ही कुछ अन्य प्रदर्शनकारी भी जुटे। उनके हाथों में जम्मू - कश्मीर के कठुआ जिले की बलात्कार पीड़िता बच्ची , पत्रकार गौरी लंकेश की तस्वीरें थीं।
इन समूहों में ब्रिटेन में भारतीय महिलाओं के कई समूह भी शामिल थे। इन लोगों ने ‘‘ भारत में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपने मूक प्रदर्शन के लिए सफेद कपड़े पहने हुए थे। ’’ उनकी तख्तियों पर लिखा था ‘‘ मैं हिन्दुस्तान हूं , मैं शर्मिंदा हूं। ’’ ‘ बेटी बचाओ ’’। सिख फेडरेशन यूके के कुछ खालिस्तान समर्थक प्रदर्शनकारियों और पाकिस्तानी मूल के धर्मगुरू लॉर्ड अहमद के नेतृत्व में तथा - कथित माइनॉरिटीज अगेंस्ट मोदी ने संसद चौक पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान कुछ लोगों ने महात्मा गांधी की प्रतिमा को पीले खालिस्तानी झंडे से घेर दिया। प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारियों से जुड़े भारतीय अधिकारियों का कहना है कि प्रदर्शन किसी भी लोकतांत्रित समाज का हिस्सा है।