पेरिस: फ्रांस की राजधानी पेरिस में शुक्रवार देर राता हुए आतंकवादी हमलों में 153 लोगों की मौत हो गई। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय ने इन हमलों की कड़ी निंदा की है। मीडिया रिपोर्टों से यह जानकारी मिली। पेरिस में शुक्रवार देर रात छह स्थानों पर हुए इन हमलों में शामिल एक आतंकवादी गोली चलाते समय चिल्लाया-'यह सीरिया का बदला है'।
आतंकवादियों ने हमले के लिए फुटबॉल स्टेडियम को भी निशाना बनाया, जहां राष्ट्रपति ओलांद फ्रांस और जर्मनी बीच जारी दोस्ताना मैच देख रहे थे। हमले के तुरंत बाद उन्हें सकुशल बाहर निकाल लिया गया। सभी आठ आतंकवादियों को बाद में मार गिराया गया।
एक प्रत्यक्षदर्शी का कहना है कि हमलावरों ने अपने चेहरे नहीं ढके हुए थे और वे युवा लग रहे थे।
इन हमलों का सर्वाधिक भयावह मंजर बैटाकलां थिएटर में रहा, जहां आतंकवादियों ने कंसर्ट देख रही भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। उन्होंने कम से कम तीन बार अपने स्वचालित मशीन गन रिलोड की। लोगों को बंधक भी बनाया और जैसे ही सुरक्षाबलों ने थिएटर में घुसकर जवाबी कार्रवाई की हमलावरों ने स्वयं को उड़ा दिया, जिसमें 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई।
इन हमलों से हैरान और स्तब्ध ओलांद ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी।
बीबीसी और फ्रांस की मीडिया के मुताबिक, इसके बाद ओलांद ने कंसर्ट हॉल का दौरा किया और आतंकवाद से लड़ने की प्रतिबद्धता जताई।
फ्रांस के सुरक्षाबलों ने शनिवार सुबह सभी हमलावरों के मारे जाने का ऐलान किया लेकिन अन्य हमलावरों के जीवित होने की संभावना को देखते हुए तलाशी अभियान शुरू किया गया है।
पेरिस के स्थानीय लोगों को घर में ही रहने के निर्देश दिए गए हैं। शहर में सैनिकों ने अड्डा जमा लिया है।
शनिवार को सभी स्कूलों और विश्वविद्यालयों को बंद रखने के निर्देश दिए गए हैं। द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद पेरिस में हिंसा का यह सर्वाधिक दर्दनाक घटना है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ओबामा और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने इस हिंसा की निंदा की है। इन हमलों में 200 लोग घायल हो गए हैं, जबकि 80 की हालत गंभीर बनी हुई है।
इस समय भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिटेन दौरे पर हैं। उन्होंने इन हमलों को पीड़ादायक एवं भयावह बताते हुए कहा कि इस दुख की घड़ी में भारत फ्रांस के साथ खड़ा है।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पेरिस हमलों की कड़ी निंदा की हैं। उन्होंने कहा कि भारत फ्रांस के साथ मजबूती से खड़ा है।
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार देर रात जिन स्थानों पर ये सिलसिलेवार हमले हुए, वे पेरिस के लोकप्रिय डे ला रिपब्लिक, डे ला बेस्टिल स्थानों से दूर नहीं हैं। इस दौरान कैफे, बार और रेस्तरां में भारी संख्या में लोग मौजूद थे।
लोग पिज्जा रेस्तरां, कंबोडियाई रेस्तरां, बार और मैकडॉनल्ड दुकान के बाहर खड़े थे।
पेरिस के स्टेड डे फ्रांस में भी हमला हुआ, जहां 80,000 लोग फ्रांस और जर्मनी के बीच चल रहा फुटबॉल मैच देख रहे थे। इनमें राष्ट्रपति ओलांद भी थे।
सर्वाधिक भयावह मंजर बैटाकलां कंसर्ट हॉल का रहा, जहां भारी संख्या में लोग अमेरिकी रॉक समूह 'द ईगल्स ऑफ डेथ मेटल' की प्रस्तुति देखने के लिए इकट्ठा हुए थे।
बीबीसी ने कंसर्ट हॉल में मौजूद पत्रकार जुलियन पियर्स के हवाले से बताया कि हॉल में हथियारों के साथ कई हमलावर घुसे। दो से तीन की संख्या में आए लोगों ने अपने चेहरे नहीं ढके हुए थे। इनके पास कलाशनिकोव (राइफल) थे और इन्होंने भीड़ पर अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी।
हमलावरों ने 10 से 15 मिनट तक लोगों पर गोलियां चलाई। वह काफी हिंसक दृश्य था और डर भी लग रहा था। इस दौरान हमलावरों ने तीन बार अपनी बंदूके रीलोड की। वे बहुत युवा लग रहे थे। यहां-वहां शव बिखरे हुए थे।
फुटबॉल स्टेडियम में हुए हमले में भी फर्स्ट हाफ के मैच के बीच लोगों ने दो बड़े धमाकों की आवाज सुनी, जबकि सेंकेंड हाफ के बाद एक छोटा धमाका हुआ। हालांकि, इसमें कोई हताहत नहीं हुआ।