लंदन: पाकिस्तान मूल के लॉर्ड अहमद ने ब्रिटेन की संसद के रूपरी सदन ‘ हाउस ऑफ लॉर्ड्स ’ में जम्मू - कश्मीर के कठुआ जिले में आठ वर्षीय बच्ची के साथ बलात्कार और हत्या के मामले को उठाया। भारत सरकार के कट्टर आलोचक अहमद ने मानवाधिकारों के उल्लंघनकर्ताओं को न्याय के दायरे में लाने के लिए ब्रिटेन सरकार से मामले में हस्तक्षेप करने की अपील की। ब्रिटेन सरकार की ओर से बैरोनेस स्टेडमैन स्कॉट ने कहा कि भारत का मजबूत लोकतांत्रिक ढ़ाचा है जो मानवाधिकारों का आश्वासन देता है। उन्होंने कहा , ‘‘ लेकिन हम मानते हैं कि इनके आकार और विस्तार को देखते हुए संविधान में निहित इन मूलभूत अधिकारों को लागू करने में कई चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। ’’ (अमेरिका के इस बड़े कदम से बढ़ा तीसरे विश्व युद्ध का खतरा )
स्कॉट ने कहा , ‘‘ ये मामले ( बलात्कार और हत्या ) भयावह से कम कुछ भी नहीं है और हमारी संवेदनाएं पीड़िता के परिवार के साथ हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि न्याय किया जाएगा। ’’ गौरतलब है कि इस बच्ची को जनवरी में एक हफ्ते तक कठुआ जिला स्थित एक गांव के एक मंदिर में बंधक बना कर रखा गया था और उससे छह लोगों ने कथित तौर पर बलात्कार किया था। जम्मू कश्मीर पुलिस की अपराध शाखा ने यहां सोमवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में 15 पृष्ठों का आरोपपत्र दाखिल किया। इसमें इस बात का खुलासा हुआ है कि बच्ची का अपहरण, बलात्कार और हत्या इलाके से इस अल्पसंख्यक समुदाय को हटाने की एक सोची समझी साजिश का हिस्सा थी।
आठ वर्षीय बच्ची 10 जनवरी को लापता हो गई थी जब वह जंगल में घोड़ों को चरा रही थी। जांचकर्ताओं ने कहा कि आरोपियों ने घोड़े ढूंढने में मदद करने के बहाने लड़की को अगवा कर लिया। अपनी बच्ची के लापता होने के अगले दिन उसके माता पिता देवीस्थान गए और उसका अता पता पूछा। जिसपर उसने बताया कि वह अपने किसी रिश्तेदार के घर गई होगी। आरोपपत्र के मुताबिक आरोपी ने बच्ची को देवीस्थान में बंधक बनाए रखने के लिए उसे अचेत करने को लेकर नशीली दवाइयां दी थी।