लंदन: पंजाब नेशनल बैंक घोटाले के आरोपी भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी के प्रत्यर्पण के लिए भारतीय एजेंसियां लगातार प्रयास कर रही हैं। नीरव ने बुधवार को लंदन की वेस्टमिंस्टर कोर्ट में तीसरी बार जमानत की अर्जी दी लेकिन अदालत ने एक बार फिर उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया। इसके साथ ही अब नीरव को 30 मई को कोर्ट के सामने पेश होना होगा। वह भारत में पंजाब नेशनल बैंक के साथ 2 अरब डॉलर तक की बैंक धोखाधड़ी और मनी लॉन्ड्रिंग मामले का आरोपी है।
हल्के नीले रंग की कमीज और पैंट पहने 48 वर्षीय नीरव वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट अदालत की मुख्य मजिस्ट्रेट एम्मा आर्बुथनॉट के समक्ष पेश हुआ। मोदी के वकीलों ने जमानत राशि को बढ़ाकर दोगुना यानी 20 लाख पाउंड करने की पेशकश की। साथ ही उन्होंने कहा कि वह लंदन स्थित अपने फ्लैट में 24 घंटे की नजरबंदी में रहने के लिए तैयार है। लंबी सुनवाई के दौरान बैरिस्टर क्लेयर मोंटगोमेरी ने जज से कहा कि वैंड्सवर्थ जेल मे स्थितियां रहने योग्य नहीं हैं। उन्होंने कहा कि नीरव किसी भी शर्त को मानने को तैयार है जो उसके ऊपर लगाई जाएगी। हालांकि, जज इन दलीलों से सहमत नहीं हुईं।
जज आर्बुथनॉट ने कहा कि धोखाधड़ी की रकम बहुत ज्यादा है और ऐसे में 20 लाख पाउंड की जमानत राशि नाकाफी है। यदि उसे जमानत दे दी गई तो वह आत्मसमर्पण करने में असफल रहेगा इसलिए अदालत ने मोदी को जमानत देने से इनकार कर दिया। इससे पहले भारत की ओर से दलील रखते हुए क्राउन प्रासिक्यूशन सर्विस ने कहा कि नीरव को जमानत नहीं दी जानी चाहिए क्योंकि बचाव पक्ष ने जो सबूत पेश किए हैं वे परिस्थितियों में किसी तरह का बदलाव नहीं दर्शाते हैं।