बर्लिन: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और नेताजी सुभाषचंद्र बोस के परपोते सूर्य कुमार बोस ने बर्लिन में मुलाकात की और सुभाषचंद्र बोस के परिवार पर 20 साल तक चलने वाली जासूसी मामले की जांच कराने के साथ ही उनसे जुड़ी सभी फाइलों के सार्वजनिक करने की मांग की।
सूर्यकुमार बोस ने जवाहरलाल नेहरू पर संगीन आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री की कुर्सी पर बैठने की लालसा में वे इस हद तक चले गए कि नेताजी की जासूसी करवाने लगे।
मुलाकात के दौरान, नेताजी के पोते का कहना था कि मनमोहन सरकार ने इस डर से बोस से जुड़ी फाइलों की जांच नहीं करवाई क्योंकि उससे नेहरू की विरासत को नुकसान पहुंचता।
सूर्यकुमार बोस ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात करने के साथ-साथ देश के पहले प्रधानमंत्री नेहरू पर भी संगीन आरोप लगाए और मांग की कि नेताजी की मौत और उसके बाद परिवार की जासूसी का सच सामने लाया जाए।
नेताजी सुभाषचंद्र बोस की मौत का सच क्या था? क्या नेहरू के जमाने में नेताजी की जासूसी करवाई गई? इन सवालों से पर्दा उठाने की मांग फिर से उठी है।
बोस ने इंडिया टीवी से बात करते हुए कहा कि कहा कि भारत पर राज करने की लालसा में जवाहरलाल नेहरू इस हद तक चले गए।
सूर्यकुमार ने इंडिया टीवी से कहा कि फाइलों का सच सामने आया तो कई बड़े नेताओं पर छवि का संकट पैदा हो जाएगा।
इंडिया टीवी से बात करते हुए सूर्यकुमार बोस ने दावा किया कि ना सिर्फ देश के अंदर बल्कि विदेश में भी बोस परिवार पर नज़र रखी जाती थी और ये काम रॉ कि निगरानी में होता था।