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पाकिस्तानी नेता और MQM के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने PM मोदी से भारत शरण मांगी, कहा- वहां कोई राजनीति नहीं करूंगा

ब्रिटेन में निर्वासित जीवन बिता रहे मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें और उनके साथियों को भारत में शरण देने की मांग की है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 18, 2019 6:42 IST
Altaf Hussain, Altaf Hussain appeals to PM Narendra Modi, Altaf Hussain Narendra Modi- India TV Hindi
Pakistani leader Altaf Hussain asks PM Narendra Modi for asylum, financial aid | Facebook

लंदन: ब्रिटेन में निर्वासित जीवन बिता रहे मुत्ताहिदा कौमी मूवमेंट (MQM) के संस्थापक अल्ताफ हुसैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से उन्हें और उनके साथियों को भारत में शरण देने की मांग की है। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें भारत में शरण नहीं दी जा सकती तो कम से कम अंतरराष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) में मुकदमा लड़ने के लिए वित्तीय मदद ही दी जाए। किसी तरह की राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करने का वादा करते हुए हुसैन ने पिछले हफ्ते सोशल मीडिया के जरिए यह बयान जारी किया और साथ ही कहा कि अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का वह स्वागत करते हैं।

‘भारत में मेरे हजारों रिश्तेदार दफ्न हैं’

आपको बता दें कि ब्रिटेन में 67 वर्षीय हुसैन पाकिस्तान में कुछ साल पहले अपने समर्थकों को दिए भाषण के जरिए आतंकवाद को बढ़ावा देने के आरोप में मुकदमे का सामना कर रहे हैं। हुसैन ने 9 नवंबर को जारी भाषण में कहा, ‘अगर आज भारत और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुझे भारत आने की इजाजत देंगे और मुझे समर्थकों के साथ शरण देंगे तो मैं अपने सहयोगियों के साथ भारत आने को तैयार हूं, क्योंकि मेरे दादा वहां दफन हैं, मेरी दादी वहां दफन हैं, मेरे हजारों रिश्तेदार भारत में दफन है। मैं वहां जाना चाहता हूं। मैं उनकी कब्रों पर जाना चाहता हूं। वहां इबादत करना चाहता हूं।’

हुसैन ने किया वादा, भारत में राजनीति नहीं करूंगा
हुसैन ने कहा, ‘मैं शांतिप्रिय इंसान हूं। मैं किसी राजनीति में हस्तक्षेप नहीं करूंगा। मैं वादा करता हूं। बस मुझे, मेरे साथियों के साथ भारत में रहने के लिए जगह दी जाए। मैं आपसे अनुरोध करता हूं कि कुछ बलोच, सिंधी, जिनके नाम मैं दूं उन्हें भी शरण दी जाए।’ भारत से किए अनुरोध में हुसैन ने कहा कि उनके घर और कार्यालय को जब्त कर लिया गया और उनके पास पाकिस्तान के शासन से न्याय के लिए लड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं बचा। हुसैन ने कहा, ‘अगर आप हमें आश्रय नहीं दे सकते तो कुछ प्रभावी धनवान लोगों को दें जो अंतरराष्ट्रीय अदालत आ जा सके। मेरे पास कोई धन नहीं है, इसलिए आप अपने लोगों से कहिए कि वे अदालत का शुल्क जमा करें। मैं अकेले बलोच, सिंधी और मुहाजिर और अन्य जातीय एवं धार्मिक अल्पसंख्यकों की लड़ाई अंतरराष्ट्रीय अदालत में लड़ूंगा।’

अयोध्या पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हुसैन ने किया स्वागत
भाषण के प्रसारण के दौरान उन्होंने सुप्रीम कोर्ट की ओर से नई बाबरी मस्जिद के लिए जमीन देने के फैसले का भी स्वागत किया और कहा कि जिन्हें यह स्वीकार नहीं है उसे भारत छोड़ देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मौजूदा भारत सरकार को पूरा अधिकार है कि वह तथाकथित ‘हिंदू राज’ स्थापित करे। उल्लेखनीय है कि हुसैन इस समय में कठोर शर्तों पर जमानत पर है। लंदन महानगर पुलिस की आतंकवाद निरोधी कमान ने पिछले महीने उनके खिलाफ ब्रिटेन आतंकवाद कानून 2006 की धारा 1(2) के तहत मामला दर्ज किया था। इन शर्तों में सोशल मीडिया के जरिए भाषण पर भी रोक थी। इसके बावजूद हुसैन ने शनिवार को दूसरा भाषण जारी किया। (भाषा)

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