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रविवार को संत घोषित होंगी मदर टेरेसा, मिशनरी शिक्षक बनकर आई थीं भारत

मदर टेरेसा को रोमन कैथलिक चर्च रविवार को संत की उपाधि से नवाजने जा रहा है। 4 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर के 2 बजे पोप फ्रांसिस वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में गरीबों और मजलूमों की सेवक और उद्धारक रहीं मदर टेरेसा को संत की उपाधि देंगे।​

IndiaTV Hindi Desk
Published on: September 02, 2016 19:09 IST
मदर टेरेसा।- India TV Hindi
मदर टेरेसा।

वेटिकन सिटी: मदर टेरेसा को रोमन कैथलिक चर्च रविवार को संत की उपाधि से नवाजने जा रहा है। 4 सितंबर को भारतीय समयानुसार दोपहर के 2 बजे पोप फ्रांसिस वेटिकन सिटी के सेंट पीटर्स स्क्वेयर में गरीबों और मजलूमों की सेवक और उद्धारक रहीं मदर टेरेसा को संत की उपाधि देंगे।​

मदर टेरेसा को मानवजाति की भलाई के लिए किए गए उनके कार्यों के लिए नोबेल पुरस्कार से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें संत की उपाधि उनकी 19वीं पुण्यतिथि की पूर्वसंध्या पर प्रदान की जाएगी। 1997 में कोलकाता में मदर का निधन हुआ था और यही शहर उस समय उनकी कर्मभूमि हुआ करता था। टेरेसा ने करीब चार दशक तक कोलकाता में निर्धन लोगों की सेवा की।

टेरेसा भारत एक मिशनरी शिक्षक के तौर पर आई थीं। वह आरयलैंड के लोरेटो ऑर्डर के साथ कोलकाता पहुंची थीं और उसी शहर को उन्होंने मानवता की सेवा के केंद्र के तौर पर चुना। कोसोवर अल्बानिया (मैसेडोनिया) में 1910 में जन्मीं टेरेसा ने पूरी दुनिया में घर-घर तक पहचान बनाई और भारत की नागरिक भी बनीं। भारत ने उन्हें किस कदर अपनाया था इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि निधन के बाद राजकीय सम्मान के साथ उनकी आखिरी विदाई की गई।

पोप जॉन पॉल द्वितीय मदर टेरेसा के निजी मित्र थे। उन्होंने टेरेसा को संत घोषित करने के पहले की प्रक्रिया को काफी तेजी से पूरा कराया। मौजूदा पोप फ्रांसिस भी टेरेसा के बड़े मुरीद हैं। टेरेसा द्वारा 1950 में स्थापित मिशनरी ऑफ चैरिटी अब 133 देशों में काम करता है और इससे करीब 5,000 सदस्य जुड़े हुए हैं।

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