लंदन: दुनिया में लोग तरह-तरह की बीमारियों से जूझते रहते हैं। कुछ को अपनी बीमारियों से जल्द निजात मिल जाती है तो कुछ ऐसे भी होते हैं जिनकी बीमारी का इलाज करते-करते डॉक्टर का दिमाग भी चकरा जाता है। लंदन में रहने वाली एक लड़की ऐसी अजीबो गरीब बीमारी से जूझ रही है जिससे निजात दिलाने के लिए डॉक्टरों को भी काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
दरअसल 41 वर्षीय मैंडी के शरीर के किसी भी एक हिस्से का मांस या हड्डी जरूरत से ज्यादा बढ़ जाती है। इस बीमारी के कारण इस लड़की के पैरों का वजन करीब 108 किलो तक हो गया था। इंफेक्शन बढ़ने की वजह से डॉक्टरों को मजबूरन उसका एक पैर काटना पड़ा, लेकिन हैरानी की बात है कि कुछ ही समय बाद उसका कटा हुआ पैर फिर से उग आया। मैंडी की इस बीमारी को देखते हुए डॉक्टर्स ने एक ऐसी दवाई बनाई है जिससे उनके पैर का वजन घटकर 70 किलो रह गया है।
आपको बता दें कि जब मैंडी का जन्म हुआ था तो उसके पैर बाकी बच्चों की तुलना में बहुत मोटे थे। उनका बांया पैर दाएं पैर की तुलना में 3 इंच बड़ा था। बड़ी होते ही उन्हें इस बात का पता चला कि इस दुनिया में वही एकमात्र महिला हैं जो इस बीमारी से पीड़ित हैं। इस बीमारी के कारण सबका मानना था कि शायद ही मैंडी कभी चल पाएंगी, लेकिन उन्होंने सबको गलत साबित करते हुए अपनी स्कूल और कॉलेज की पढ़ाई पूरी की।
साल 2010 में उनके पैर की मोटाई बढ़ने लग गई थी। जिसके बाद उनके पैर को काटा गया। डॉक्टरों ने जब उनका कृत्रिम पैर लगाने के लिए उनके पैर का नाप लिया तो डॉक्टरों को पता चला कि उनका काटा हुआ पैर फिर से उगने लगा था। कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी में जब मैंडी का डीएनए टेस्ट किया गया तो उन्होंने पाया कि यह बीमारी PIK3CA जीन के म्यूटेशन से पैदा होती है। उन्हें एक दवाई का ट्रायल लेने को कहा गया, जिसके लिए वह तुरंत ही तैयार हो गई। मात्र 5 महीनों में उनकी टांगों का आकार घटने लगा। मैंडी का कहना है कि उन्हें इसकी आदत हो गई है। अब उन्हें चलने फिरने में भी कोई परेशानी नहीं होती है।