लंदन: जब हम लड़ाई के दौरान किसी कमजोर शख्स को भागते हुए देखते हैं तो कहते हैं कि क्या चूहे का दिल पाया है, लेकिन यदि हम आपसे कहें कि एक चूहे को हाल ही में बहादुरी का सम्मान दिया गया है तो आप क्या कहेंगे? जी हां, एक चूहे ने एनिमल ब्रेवरी के लिए दिए जाने वाले ब्रिटेन के टॉप चैरिटी सम्मान को जीता है। इस चूहे ने कंबोडिया में बारूदी सुरंगे खोज निकाली थीं जिसके चलते तमाम लोगों की जान आफत में पड़ने से बच गई।
7 साल में मागवा ने खोज निकालीं 39 बारूदी सुरंगें
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मागवा नाम के इस बड़े से चूहे ने 'जिंदगियां बचाने वाली बहादुरी और समर्पण' के लिए PDSA का गोल्ड मेडल जीता है। इस चूहे ने सूंघकर बीते 7 सालों में कुल 39 ऐसी बारूदी सुरंगों का पता लगाया जो गंभीर खतरा पैदा कर सकती थीं। इसके अलावा 28 अन्य विस्फोटकों का भी पता इस चूहे ने लगाया। मागवा नाम के इस चूहे को यह काम करने की ट्रेनिंग बेल्जियम के एक संगठन ने दिया था। खास बात यह है कि ये संगठन चूहों को बारूदी सुरंगे खोजने की ट्रेनिंग पिछले 20 सालों से दे रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मागवा और उसकी टीम ने बीते कुछ सालों में कई बारूदी सुरंगें खोजी हैं।
मागवा से पहले सिर्फ कुत्तों ने जीता था यह अवॉर्ड
बता दें कि जिंदा बारूदी सुरंगें मानवजाति के लिए एक बड़ा खतरा साबित हुई हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 59 देशों में लगभग 6 करोड़ लोगों को जिंदा बारूदी सुरंगों से खतरा है। मागवा जिस प्रजाति से ताल्लुक रखता है उसका नाम अफ्रीकन पाउच्ड रैट है। माना जाता है कि यह प्रजाति इस काम के लिए काफी मुफीद है। मागवा की यह उपलब्धि इसलिए भी खास है कि उसके पहले ये अवार्ड सिर्फ कुत्तों ने जीता था। इस अवॉर्ड की शुरुआत 2002 में जानवरों की बहादुरी को पहचान दिलाने के लिए की गई थी, और इसे काफी बड़ा सम्मान माना जाता है।