Highlights
- स्वीडन को लैंगिक समानता के मामले में यूरोप के सबसे प्रगतिशील देशों में शुमार किया जाता है।
- मतदान में 57 सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया जबकि एक सांसद अनुपस्थित रहा।
- स्वीडन में यदि कम से कम 175 सांसद किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं तो उसे पीएम नियुक्त किया जा सकता है।
कोपेनहेगन: स्वीडन की संसद ने बुधवार को मेगदालेना एंडरसन को प्रधानमंत्री चुन लिया। वह इस पद पर आसीन होने वाली देश की पहली महिला होंगी। एंडरसन को सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी की नयी नेता चुना गया है। वह स्टीफन लोफवेन की जगह लेंगी, जिन्होंने इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जोफवेन फिलहाल कार्यवाहक प्रधानमंत्री की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। प्रधानमंत्री पद के लिए चुने जाने से पहले एंडरसन देश की वित्त मंत्री थीं।
स्वीडन को लैंगिक समानता के मामले में यूरोप के सबसे प्रगतिशील देशों में शुमार किया जाता है, लेकिन अभी तक किसी महिला को देश की बागडोर नहीं सौंपी गई थी। ऐसे में इस घटनाक्रम को स्वीडन के लिये मील का पत्थर माना जा रहा है। एंडरसन का समर्थन करने वाली निर्दलीय सांसद अमीना काकाबावेह ने संसद में अपने भाषण में कहा, 'यदि महिलाएं केवल वोट देती रहें और उन्हें सर्वोच्च पद के लिये न चुना जाए, तो लोकतंत्र पूरा नहीं हो सकता।'
एंडरसन (54) ने अपने निर्वाचन के बाद संसद में कहा, 'नारीवाद हमेशा लड़कियों और महिलाओं के पूर्ण होने के बारे में है। उनके पास भी पुरुषों और लड़कों के समान अवसर होते हैं। मैं स्वीडन की पहली महिला प्रधानमंत्री निर्वाचित हुई हूं और जानती हूं कि हमारे देश में महिलाओं के लिये इसका क्या महत्व है।' स्वीडन की 349 सदस्यीय संसद में 117 सांसदों ने एंडरसन के पक्ष में जबकि 174 ने विरोध में वोट दिया।
मतदान में 57 सांसदों ने हिस्सा नहीं लिया जबकि एक सांसद अनुपस्थित रहा। कुल मिलाकर 174 सांसदों ने एंडरसन के विरोध में मतदान किया, लेकिन स्वीडन के संविधान के अनुसार यदि कम से कम 175 सांसद किसी व्यक्ति के खिलाफ नहीं हैं तो उसे प्रधानमंत्री नियुक्त किया जा सकता है। ऐसे में एंडरसन के प्रधानमंत्री चुने जाने का रास्ता साफ हो गया। एंडरसन 2 पार्टियों, सोशल डेमोक्रेट्स तथा ग्रीन पार्टी की अल्पमत की सरकार का गठन करेंगी।