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तमाम प्रदूषणों के बाद अब आया प्रकाश प्रदूषण, जानें क्या बला है यह

जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि के बारे में तो हम काफी कुछ जानते हैं और इसे दुनिया के तमाम हिस्से झेल भी रहे हैं, लेकिन...

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: November 24, 2017 17:43 IST
Representative Image | AP Photo- India TV Hindi
Representative Image | AP Photo

बर्लिन: जल प्रदूषण, वायु प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण आदि के बारे में तो हम काफी कुछ जानते हैं और इसे दुनिया के तमाम हिस्से झेल भी रहे हैं, लेकिन अब इस लिस्ट में प्रकाश प्रदूषण का नाम भी शामिल हो गया है। विभिन्न कार्यक्रमों पर होने वाली कृत्रिम चकाचौंध प्रकाश व्यवस्था भारत समेत पूरी दुनिया में मात्रा और चमक की लिहाज से प्रकाश प्रदूषण को बेतहाशा बढ़ा रही है। यह जानकारी एक स्टडी में सामने आई है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि वैसे तो नगर निगम, उपक्रम एवं परिवार ऊर्जा बचाने के लिए LED लाइट सिस्टम को अपना रहे हैं लेकिन यदि पड़ोसी नई और तेज चमक वाले लैंप लगाते हैं तो यह बचत धरी की धरी रह सकती है। वैज्ञानिकों को डर है कि ‘यह प्रतिकूल प्रभाव’ शहरों में व्यक्तिगत नई (LED) प्रकाश व्यवस्था की बचत को आंशिक या पूर्ण रूप से निष्प्रभावी कर सकता है और आसमान को काफी तेज रोशनी से भर सकता है। JFZ जर्मन रिसर्च सेंटर फोर जियोसाइंस के क्रिस्टोफर कैबा की अगुवाई में हुए इस अध्ययन में इस संकल्पना के पक्ष में सबूत भी दिए गए हैं।

जर्नल साइंस एडवांसेज में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार धरती पर कृत्रिम रूप से प्रकाशित सतह रेडिएशन बढ़ा देती है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस रेडिएशन में पिछले 4 साल में 2 पर्सेंट सालाना की दर से वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों ने रात्रि प्रकाश के लिए विशेष रूप से तैयार पहले समेकित उपग्रह रेडियोमीटर के आंकड़ों का उपयोग किया। इसमें भारत का भी 2012-16 का आंकड़ा शामिल है।

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