यूनाइटेड किंगडम। यूरोपियन सैटेलाइट सिस्टम कोपरनिकस ने यह पता लगाया है कि ओजोन परत में देखा गया अबतक का सबसे बड़ा छेद पूरी तरह से बंद हो चुका है। मार्च के मध्य में वैज्ञानिकों ने निम्न तापमान की वजह से आर्कटिक के ऊपर ओजोन परत में सबसे बड़े छिद्र का पता लगाया था। ओजोन परत सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों को धरती पर आने से रोकती है, जो त्वचा कैंसर का सबसे प्रमुख कारण हैं। अभी तक पता लगाया गया सबसे बड़ा छिद्र मानवों के लिए सबसे बड़ा खतरा होता, यदि यह दक्षिण से खिसक कर अधिक जनसंख्या वाले क्षेत्रों की और बढ़ता।
कोपरनिकस अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट सिस्टम और दर्जनों अन्य थर्ड पार्टी सैटेलाइट ने 23 अप्रैल को यह पाया है कि यह छिद्र पूरी तरह से बंद हो गया है। हालांकि वैज्ञानिकों ने कहा है कि कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में किए गए लॉकडाउन की वजह से प्रदूषण में गिरावट इसका कारण नहीं है। बल्कि यह पोलर वोर्टेक्स की वजह से हुआ है, यह एक हाई-एल्टीट्यूड करेंट है जो सामान्यतौर पर ठंडी हवाओं को पोलर क्षेत्रों में लेकर आता है।
इस साल पोलर वोर्टेक्स बहुत ही शक्तिशाली था और इसके अंदर का तापमान बहुत ठंडा था। इससे समताप मंडल के बादल बने, जिन्होंने ओजोन परत को नुकसान पहुंचाया। हालांकि हाल के दिनों में पोलर वोर्टेक्स अब कमजोर पड़ चुका है। नॉर्थ पोल में ओजोन परत में पहली बार छेद को 2011 में देखा गया था लेकिन तब यह बहुत छोटा था।