लंदन: ब्रिटेन के भारतीय मूल के सांसद कीथ वाज ने 500 और 1000 रुपये की नोटबंदी से इस देश में प्रभावित प्रवासी भारतीयों की मुश्किलें हल करने के लिए विभिन्न उपायों का सुझाव देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। पुराने नोटों का चलन बंद करने का मतलब है कि इन नोटों को लेकर यहां आ गए प्रवासी भारतीयों एवं ब्रिटिश भारतीयों को 30 दिसंबर की समय सीमा तक उन्हें बदलवाने के लिए भारत जाना होगा। वाज ने लिखा, भारत सरकार को इस ठोस और साहसपूर्ण नीति को लेकर सराहा जाना चाहिए तथा मैं समझता हूं कि उसने ये कदम क्यों उठाए हैं। लेकिन इन नोटों को वापस लेने से प्रवासी भारतीय अनजाने में ही चिंता और मुश्किल में पड़ गए है जिन्हें भय सता रहा है कि वे दिसंबर की समयसीमा तक अपने नोट बदलवा नहीं पायेंगे।
वरिष्ठ लेबर पार्टी सांसद ने कहा, मैंने प्रवासी भारतीय समुदाय की चिंताओं के समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को तीनसूत्री योजना के बारे में लिखा है। पहली प्राथमिकता समयसीमा का 2017 के ग्रीष्मावकाश के बाद तक विस्तार करना है। उन्होंने लिखा है, ब्रिटिश भारतीयों के लिए ब्रिटिश बैंकों में नोट बदलवाना व्यावहारिक एवं लाभकारी भी होगा और जबतक इस मुद्दे का समाधान न हो तबतक मैंने लंदन में उच्चायोग में प्रवासी भारतीयों के लिए एक विशेष दूत नियुक्त करने को कहा है।
उन्होंने कहा, इस बात की भी चिंता प्रकट की गयी है कि क्रिक्रेट के लिए भारत में छुट्टियौं के दौरान ब्रिटिश नागरिकों द्वारा निकाली गयी रकम अब उपयोग लायक नहीं है और इस मुद्दे का समाधान करने से वे भारत में अपने अनुभव में कुंठित एवं असंतुष्ट होने से बचेंगे। मोदी को यह पत्र 23 नवंबर को भेजा गया। उससे पहले वाज ने इस मुद्दे पर भारत के कार्यवाहक उच्चायुक्त दिनेश पटनायक से भेंट की थी।