इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने गुरुनानक की 550 वीं जयंती पर करतारपुर गलियारे को खोलने के अपने फैसले से भारत को अवगत करा दिया है। विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को यह बात कही। वहीं, विदेश कार्यालय ने कहा कि वह तब तक बहुत कुछ नहीं कर सकता, जब तक कि नयी दिल्ली से इसपर प्रतिक्रिया नहीं आती है। कुरैशी का बयान भारत द्वारा करतारपुर साहिब के लिये गलियारे के निर्माण की खातिर पाकिस्तान से अनुरोध करने के कुछ घंटे बाद आया है। सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव ने करतारपुर साहिब में ही आखिरी सांसें ली थीं।
करतारपुर साहिब पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के नरोवाल जिले में है और इसे पंजाब के गुरदासपुर जिले में डेरा बाबा नानक के साथ जोड़ने के लिये एक गलियारे के निर्माण की मांगें की जाती रही हैं।कुरैशी ने एक ट्वीट में कहा, ‘‘पाकिस्तान ने बाबा गुरु नानक की 550 वीं जयंती के लिये करतारपुर गलियारे को खोलने के अपने फैसले से भारत को पहले ही अवगत करा दिया है। प्रधानमंत्री इमरान खान 28 नवंबर को करतारपुर में भूमि पूजन करेंगे। इस शुभ अवसर के लिये हम सिख समुदाय का पाकिस्तान में स्वागत करते हैं।’’
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने कहा कि भारत ने सिख समुदाय की भावनाओं के अनुसार अगले साल होने वाली गुरु नानक की 550 वीं जयंती मनाने के लिये गुरुवार को मंत्रिमंडल द्वारा पारित प्रस्ताव के अनुरूप गलियारा बनाने के लिये पाकिस्तान से संपर्क किया है।’’ जवाब में पाकिस्तान के विदेश कार्यालय के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल ने कहा कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री (इमरान) खान ने करतारपुर समेत सभी मुद्दों पर बातचीत के लिये लिखित में प्रस्ताव दिया है, लेकिन भारत ने आगे बढ़ने से मना कर दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के प्रयास जारी हैं और उसने धार्मिक समारोहों में हिस्सा लेने के लिये पाकिस्तान आने के लिये भारतीय सिखों को 3838 वीजा जारी किये। फैसल ने कहा, ‘‘हम अपनी तरफ से प्रयास जारी रखेंगे, लेकिन जब तक दूसरी तरफ से भी प्रतिक्रिया नहीं आती है तब तक हम बहुत कुछ नहीं कर सकते।’’