हनोवर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहां जर्मनी की कंपनियों को भारत में निवेश के लिए आमंत्रित करने में जुटे हुए हैं, वहीं पूरे शहर के चप्पे चप्पे पर मेक इन इंडिया का लोगो 'शेर' छाया हुआ था। मोदी सोमवार को हनोवर पहुंचे और यहां उन्होंने कारोबारी दिग्गजों से मिलकर देश में निवेश के लिए आमंत्रित किया।
हनोवर में वे जर्मनी के चांसलर एंजेला मर्केल के साथ विश्व प्रसिद्ध कारोबारी मेले हनोवर मेसे का उद्घाटन करेंगे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारियों के साथ गोलमेज सम्मेलन करने के बाद मोदी ने एक-एक कर भी उनके साथ मुलाकात की। उनसे मिलने वाले प्रमुख अधिकारियों में थे बॉम्बार्डियर ट्रांसपोर्टेशन के लुट्ज बर्टलिंग, वॉइथ के हुबर्ट लेनहार्ड, डेमलर के डायटर जेट्स्के और मेट्रो के ओलाफ कोच।
मोदी के साथ गए प्रमुख वार्ताकारों में वाणिज्य मंत्री निर्मला सीतारमण भी थीं।
भारतीय मूल के कारोबारी और डाउचे बैंक के सह-मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु जैन भी गोलमेज सम्मेलन में थे।
मेले की आयोजक डाउचे मेसे के बोर्ड सदस्य जोकेन कोकलर ने कहा, "भारत एक उभरता आर्थिक दिग्गज है, जो हनोवर मेसे में जर्मन और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शकों के लिए व्यापक बिक्री अवसर प्रस्तुत करता है।" उन्होंने साथ ही कहा कि भारत की विकास गाथा से वैश्विक कंपनियां भी लाभान्वित होंगी।
उन्होंने कहा कि 2006 में मेले में साझेदार देश के रूप में भारत की सहभागिता ने 350 भारतीय कंपनियों और 5,700 भारतीय दर्शकों को आकर्षित किया था। पिछले वर्ष भारत से 122 प्रदर्शक और 2,400 दर्शक मेले में पहुंचे थे।
उन्होंने कहा, "भारत को साझेदार देश बनाने से ये आंकड़े और बढ़ेंगे।"
उन्होंने कहा कि भारत और जर्मनी के बीच 16.1 अरब डॉलर का आपसी व्यापार है।
मेले में वितरित किए गए पर्चे में कहा गया है, "मोदी भारतीय कारखानों और अवसंरचना के आधुनिकीकरण को बढ़ावा दे रहे हैं और वे स्थानीय उत्पादन में विदेशी निवेश को भी बढ़ावा दे रहे हैं।"
पर्चे में कहा गया, "मोदी का मानना है कि उत्पादन उद्योग भारतीय अर्थव्यवस्था का रीढ़ है और रीढ़ का विकास करने के लिए भारतीय अर्थव्यवस्था की जर्मनी के अवसंरचना, शोध और प्रौद्योगिकी में गहरी रुचि है।"
संयोग है कि मोदी के गृह राज्य गुजरात में प्रसिद्ध गिर वन है, जो एशियाई शेयर का एक मात्र संरक्षित क्षेत्र है। मेला 13-17 अप्रैल तक चलेगा।