कार्बिस बे: अमेरिका ने शनिवार को जी-7 सम्मेलन में लोकतांत्रिक देशों पर बंधुआ मजदूरी प्रथाओं को लेकर चीन के बहिष्कार का दबाव बनाने की योजना तैयार की है। 2 वरिष्ठ अधिकारियों ने इस बात की जानकारी पत्रकारों को देते हुए कहा कि सम्मेलन के दौरान ये देश विकासशील देशों में बीजिंग के प्रयासों के साथ प्रतिस्पर्धा करने के लिए एक बुनियादी ढांचा योजना की भी शुरुआत करेंगे। अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन चाहते हैं कि जी-7 के नेता उइगर मुसलमानों और अन्य जातीय अल्पसंख्यकों से बंधुआ मजदूरी कराने के खिलाफ एक स्वर में आवाज उठाएं।
चीन के साथ रिश्ते खराब नहीं करना चाहते यूरोपीय देश
अधिकारियों ने कहा कि बाइडेन को उम्मीद है कि बंधुआ मजदूरी को लेकर शिखर सम्मेलन में चीन की आलोचना की जाएगी लेकिन कुछ यूरोपीय सहयोगी बीजिंग के साथ रिश्ते खराब करने के इच्छुक नहीं हैं। दक्षिण पश्चिम इंग्लैंड के कार्बिस बे में शुक्रवार को शुरू हुआ यह सम्मेलन रविवार को संपन्न होगा। जी-7 कनाडा, फ़्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका का एक समूह है। इस बीच ऐसी खबरें हैं कि अमेरिका और चीन के शीर्ष राजनयिकों के बीच तीखी बहस हुई है जिसमें बीजिंग ने बताया कि उसने अमेरिका से कहा है कि वह उसके आंतरिक मामलों में दखलअंदाजी बंद करे। चीन ने साथ ही अमेरिका पर कोविड-19 महामारी के उत्पत्ति स्थान मामले का राजनीतिकरण करने का आरोप लगाया।
चीन ने वायरस की लैब में उत्पत्ति की बात को बकवास कहा
चीन के वरिष्ठ विदेश नीति सलाहकार यांग जिएची और अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के बीच शुक्रवार को फोन पर बातचीत हुई जिसमें हांगकांग में स्वतंत्रता पर अंकुश, शिंजियाग क्षेत्र में मुसलमानों को बड़े पैमाने पर हिरासत में रखने साहित अनेक मुद्दों पर बातचीत हुई। दरअसल, कोरोना वायरस की उत्पत्ति के स्थान संबंधी जांच की मांग चीन के लिए परेशानी की बात है,क्योंकि ऐसी अफवाहें हैं कि यह प्रयोगशाला में बनाया गया और वहां से वुहान में फैला। यांग ने इन बातों को बकवास बताया और कहा कि चीन इन बातों से बेहद चिंतित है।