मिलान: इटली की एक अदालत ने रक्षा और विमानन कंपनी फिनमेकेनिका के पूर्व अध्यक्ष गियूसेपे ओरसी को भारत सरकार को 12 अगस्ता वेस्टलैंड हेलिकॉप्टर की बिक्री के 3,600 करोड़ रुपये के VVIP हेलिकॉप्टर सौदे में कथित तौर पर घूस के आरोपों से बरी कर दिया। ओरसी को 2014 में गिरफ्तार किया गया था और उन्होंने एयरोस्पेस ग्रुप के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के पद से इस्तीफा दे दिया। बाद में समूह का नाम लियोनार्दो कर दिया गया।
सौदा फंसने के वक्त ओरसी अगस्ता वेस्टलैंड का नेतृत्व कर रहे थे और उनपर घूस देने में संलिप्तता का संदेह था। फर्जी बही-खाते और भ्रष्टाचार के लिए उन्हें साढ़े चार साल जेल की सजा सुनाई गई थी। इतालवी समाचार एजेंसी ANSA के मुताबिक सहायक कंपनी अगस्तावेस्टलैंड के पूर्व CEO ब्रूनो स्पागनोलिनी को भी बरी कर दिया गया। उन्हें इसी आरोप में 4 साल जेल की सजा सुनाई गई थी। भारत को 12 लक्जरी हेलिकॉप्टर की बिक्री के मामले में 2012 में शुरू की गई जांच के बाद ओरसी और स्पागनोलिनी पर मामला दर्ज किया गया था।
भारत ने भारतीय वायुसेना को 12 एडब्ल्यू-101 VVIP हेलिकॉप्टर आपूर्ति करने के लिए फिनमेकेनिका की ब्रिटिश सहायक कंपनी अगस्ता वेस्टलैंड के साथ जनवरी 2014 में अनुंबध खत्म कर दिया। निविदा की शर्तों के उल्लंघन और सौदा सुनिश्चित करने के लिए कंपनी की ओर से घूस देने के आरोपों पर यह अनुबंध रद्द किया गया।