बिआरित्ज। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने सोमवार को कहा कि ईरान के शीर्ष राजनयिक से मुलाकात करना जल्दबाजी होती। साथ ही उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि वाशिंगटन ईरान में सत्ता परिवर्तन के बारे में नहीं सोच रहा है। शिखर सम्मेलन में ट्रम्प ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘मिलना जल्दबाजी हो जाती, मैं नहीं मिलना चाहता।’’
ट्रंप बोले पता था जरीफ पहुंचने वाले हैं
उन्होंने कहा कि उन्हें पता था कि विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ बिना तय कार्यक्रम के पहुंचने वाले हैं। तेहरान के विवादास्पद परमाणु कार्यक्रम को लेकर चल रहे राजनयिक गतिरोध को समाप्त करने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों ने ईरान के विदेश मंत्री को आमंत्रित किया था।
ट्रम्प ने कहा, ‘‘मुझे पता था कि वह आ रहे हैं।’’ ट्रम्प ने कहा, ‘‘वह (मैक्रों) जो भी कर रहे थे उस बारे में मुझे पता था और वह जो भी कर रहे थे उसे मैंने मंजूरी दी थी।’’ उन्होंने कहा कि फ्रांस के राष्ट्रपति ने ‘‘मेरी मंजूरी मांगी थी।’’
गौरतलब है कि फ्रांस के तटीय शहर बिआरित्ज में सोमवार को जी7 शिखर सम्मेलन संपन्न हुआ। इस सम्मेलन में शनिवार को तब नाटकीय मोड़ आया जब ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ तेहरान के विवादित परमाणु कार्यक्रम पर राजनयिक गतिरोध के संबंध में चर्चा करने के लिए बिआरित्ज पहुंच गए।
फ्रांस चाहता है कम हो ईरान और अमेरिका के बीच तनाव
जरीफ की यहां मौजूदगी अप्रत्याशित थी और यह फ्रांस की तरफ से ईरान और अमेरिका के बीच जारी तनाव कम करने की कोशिश थी। फ्रांस के राजनयिकों ने बताया कि ईरान के विदेश मंत्री ने ट्रम्प से मुलाकात नहीं की लेकिन एक जगह दोनों नेताओं की मौजूदगी से दोनों के बीच संबंधों में खटास कम होने की उम्मीद की जाती है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि वॉशिंगटन केवल ईरान की परमाणु महत्वाकांक्षाओं पर लगाम कसना चाहता है। उन्होंने कहा, ‘‘हम सत्ता परिवर्तन नहीं चाहते हैं। हम काफी साधारण चीज चाहते हैं, परमाणु निरस्त्रीकरण।’’
रूहानी ने जरीफ के जी-7 जाने के फैसले का बचाव किया
ईरान के राष्ट्रपति हसन रूहानी ने विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ के जी-7 शिखर सम्मेलन से इतर बैठकों के लिए फ्रांस में बिआरित्ज जाने का बचाव किया और इसे राष्ट्र हित में बताया। हालांकि, मीडिया के एक हिस्से ने जरीफ की इस यात्रा को लेकर उन पर निशाना साधा।
रूहानी ने सरकारी टीवी पर सीधे प्रसारित अपने संबोधन में कहा, ‘‘ मेरा मानना है कि देश के हित के लिए हमें हर स्रोत का इस्तेमाल करना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ अगर मुझे पता हो कि किसी के साथ मुलाकात करने से मेरे देश की समृद्धि होगी और लोगों की परेशानियों का समाधान होगा तो, मैं इसमें संकोच नहीं करूंगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘ सबसे अधिक महत्वपूर्ण राष्ट्र हित है।’’ रूहानी का यह बयान ऐसे समय आया है जब जरीफ की फ्रांस यात्रा को लेकर उनकी सरकार आलोचना का सामना कर रही है। जरीफ को फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने आमंत्रित किया था जो ईरान और अमेरिका के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहे हैं।
अमेरिकी प्रतिबंधों का ईरान पर पड़ा प्रभाव
अमेरिका द्वारा पिछले साल लगाए गए प्रतिबंधों से ईरान की अर्थव्यवस्था पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। उस समय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान और विश्व शक्तियों के बीच 2015 में हुए परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग कर लिया था।
रूढ़िवादी समाचार पत्र ‘कायहान’ ने सोमवार को एक लेख में जरीफ की यात्रा की तीखी आलोचना की और इसे अनुचित बताया। समाचार पत्र ने कहा कि मंत्री की यह दूसरी फ्रांस यात्रा थी और इससे ‘‘कमजोरी और हताशा का संदेश’’ जाता है। हालांकि, सुधारवादी समाचार पत्र ‘‘एतेमाद’’ ने इस यात्रा का समर्थन किया और अमेरिका के परमाणु सौदे से हटने के बाद 15 महीनों में ईरान के लिए इसे ‘‘सबसे उम्मीद का क्षण’’ बताया।