इस्तांबुल: इस्तांबुल में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय सुल्तानअहमत जिले में मंगलवार को एक जबर्दस्त विस्फोट हुआ, जिसमें 10 लोगों की मौत हो गई और 15 लोग घायल हो गए। अधिकारियों ने बताया कि सुलतानअहमत इलाका धमाके से दहल उठा। इसी इलाके में कई बड़ी ऐतिहासिक धरोहरें हैं जहां रोजाना हजारों पर्यटक आते हैं। हाल के महीनों में तुर्की आतंकवादियों के निशाने पर रहा है और यहां कुछ आतंकी वारदातें हुई हैं, जिनके लिए इस्लामिक स्टेट को जिम्मेदार कहा गया। बीते साल अक्तूबर महीने में तुर्की की राजधानी अंकारा में हुए आत्मघाती बम धमाके में 103 लोग मारे गए थे।
इस हमले के पीछे कौन है, इस बारे में पूछे जाने पर तुर्की के एक अधिकारी ने बताया, इस हमले के तार आतंकवादियों से जुड़े होने का संदेह है। हमले के तत्काल बाद सुलतानअहमत इलाके में एंबुलेंस और पुलिस को रवाना कर दिया गया। इस इलाके में मशहूर नीली मस्जिद और हागियो सोफिया संग्रहालय है। समाचार एजेंसी दोगान के अनुसार इस्तांबुल के गवर्नर के कार्यालय ने एक बयान में कहा, विस्फोट के तरीके, विस्फोट करने वाले और विस्फोटक बनाने वाले एवं विस्फोट के कारणों की जांच की जा रही है। इसमें कहा गया है कि 10 लोग मारे गए हैं और 15 घायल हो गए हैं।
दोगान की ओर से जारी तस्वीरों में दिख रहा है कि जमीन पर कई शव पड़े हैं। मीडिया की खबरों में कहा गया है कि अधिकारी इस पहलू की भी जांच कर रहे हैं कि कहीं यह आत्मघाती विस्फोट तो नहीं था। इस बारे में कोई अधिकारी पुष्टि नहीं हुई है। इस्तांबुल में एक प्रत्यक्षदर्शी ने बताया कि विस्फोट इतना शक्तिशाली था कि इसकी आवाज निकट के कई इलाकों में सुनी गई। विस्फोट के तत्काल बाद पुलिस ने इलाके को घेर लिया और निकट की ट्राम सेवा को भी रोक दिया गया।
जर्मन पर्यटक कैरोलीन ने कहा, विस्फोट इतना तेज था कि जमीन हिलने लगी। वहां से बहुत अधिक गंध भी आ रही थी। मैं अपनी बेटी के साथ भागी। हम निकट की एक इमारत में गए और आधे घंटे तक वहां रहे। यह बहुत डरावना अनुभव था। खबरों के अनुसार विस्फोट भारतीय समयानुसार दिन में 1:50 बजे हुआ। अंकारा में हमले के बाद से तुर्की में अलर्ट है। अंकारा में आत्मघाती हमले और देश के दक्षिणपूर्व कुर्द बहुल हिस्से में दो धमाकों के लिए आईएस को जिम्मेदार ठहराया गया था।
तुर्की के अधिकारियों ने हाल के कुछ हफ्तों में आईएस के कई संदिग्ध सदस्यों को हिरासत में लिया। अधिकारियों का कहना था कि ये इस्तांबुल में हमले की योजना बना रहे थे। तुर्की ने प्रतिबंधित संगठन कुर्दिस्तान वर्कर्स पार्टी (पीकेके) के खिलाफ भी अभियान छेड़ रखा है और इस संगठन ने भी सुरक्षा बलों के खिलाफ कई हमले किए हैं।