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क्या अंतरिक्ष में जीवन के पनपने की उम्मीद कभी हो सकेगी पूरी

हाल ही में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि अंतरिक्ष में भी लोग जीवित रह सकते हैं।

India TV News Desk
Updated on: May 10, 2016 19:34 IST
SPACE- India TV Hindi
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नई दिल्ली: हाल ही में वैज्ञानिकों  ने दावा किया है कि अंतरिक्ष में भी लोग जीवित रह सकते हैं। अभी पिछले महीने ही वैज्ञानिकों ने कहा है कि अंतरिक्ष के बेहद मुश्किल हालात में भी जिंदगी पैदा हो सकती है, फ्रांस की ‘नाइस यूनिर्वसटिी’ की कॉर्नेलिया मेंनर्ट और उनके साथियों ने दिखाया कि जमे हुए पानी, मेथेनॉल और अमोनिया को इकट्ठा किया जाए तो चीनी के अलग-अलग रूपों में तब्दील किया जा सकता है।

इनसे ‘डीएनए’ और ‘RNA’ बन जाएंगे, किसी भी जीव के ये बुनियादी हिस्से होते हैं, कहने का मतलब ये कि अंतरिक्ष में जिंदगी के लिए ये जरूरी चीजें इकट्ठी हो जाएं और फिर इनकी बारिश किसी ग्रह पर हो, तो वहां जिंदगी की गुंजाइश बन जाती है, हालांकि कुछ वैज्ञानिक ये भी कहते हैं कि जिंदगी पनपने के लिए किसी ग्रह का होना जरूरी नहीं खुले अंतरिक्ष में भी जिंदगी पनप सकती है।

अंतरिक्ष में तापमान जीरो होता है, फिर वहां पर कोई वायुमंडल नहीं होता, वैक्यूम होता है, ‘डीएनए’ बनाने के लिए चीनी और अमीनो एसिड तो मौजूद हैं, लेकिन सिर्फ इनसे काम नहीं बन सकता, इन सबका एक सही जगह इकट्ठा होना जरूरी है, जिससे जिंदगी की बुनियाद पड़े। अंतरिक्ष भी रेगिस्तान जैसा ही है, यहां पर जिंदगी पनपने की उम्मीद है, किसी भी जीव के लिए बुनियादी केमिकल, कार्बन माना जाता है, वैसे सब जीव कार्बन के बने नहीं होते, मगर ज्यादातर में ये बुनियादी केमिकल होता है।

ब्रिटेन की ‘एडिनबर्ग यूनिर्वसटिी’ के वैज्ञानिक चार्ल्स कॉकेल कहते हैं कि कार्बन से बने जीवों के लिए पानी का होना जरूरी है, वैसे बिना पानी के भी जिंदगी पनप सकती है, कई उल्कापिंडों पर जिंदगी के जरूरी बुनियादी केमिकल पाए गए हैं, मगर इन केमिकल के बीच आपस में रिएक्शन होना जरूरी है, अंतरिक्ष में ऐसा होना मुमकिन नहीं, तभी अंतरिक्ष में अब तक जिंदगी नहीं पनप सकी।

वैसे वैज्ञानिक कहते हैं कि धरती पर जिंदगी को पहली ऊर्जा सूरज से नहीं, ज्वालामुखी विस्फोट से मिली, आज भी ज्वालामुखी विस्फोट से धरती के भीतर की ऊर्जा बाहर निकलती है, धरती के अलावा बृहस्पति ग्रह के तमाम चंद्रमा पर भी ज्वालामुखी पाए जाते हैं, इसी तरह इन छोटे ग्रहों के भीतर भरी ऊर्जा से ये करोड़ों सालों में इतने गर्म हो सकते हैं कि इन पर जिंदगी पनपने की गुंजाइश हो सकती है, इन ग्रहों का घना वायुमंडल भी जिंदगी पनपने में मददगार साबित हो सकता है, स्टीवेंसन जैसे वैज्ञानिक मानते हैं कि ऐसे ग्रहों पर जिंदगी पनप तो सकती है, मगर धरती जैसा विकास होना मुमकिन नहीं।

 

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