लंदन: ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन और अमेरिका से आने वाले छात्रों के बाद तीसरा स्थान भारतीय छात्रों का है जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। एक ताजा रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। लंदन के मेयर की आधिकारिक प्रचार कंपनी लंदन एंड पार्टनर्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि लंदन में पढ़ाई करने वाले छात्रों ने ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में तीन अरब पौंड का योगदान किया और 37,000 लोगों के रोजगार समर्थन में मदद की। हालांकि, हाल के वर्षों में यहां भारतीय छात्रों की संख्या कम हुई है।
इन आंकड़ों में भारतीय छात्रों ने 2013-14 के दौरान 13 करोड़ पौंड का खर्च किया जबकि चीन के छात्रों ने 40.7 करोड़ पौंड और अमेरिकियों ने 21.7 करोड़ पौंड खर्च किया। भारतीयों ने 13 करोड़ पौंड में से 43 प्रतिशत हिस्सा (5.6 करोड़ पौंड) ट्यूशन फी पर जबकि 56 प्रतिशत 7.4 करोड़ पौंड रहने-खाने पर खर्च किये और दोस्तों तथा संबंधियों से भेंट-मुलाकात पर एक प्रतिशत से भी कम खर्च किया। लंदन के अंतरराष्ट्रीय छात्रों पर आर्थिक असर की रिपोर्ट में कहा गया कि चीन के छात्रों की संख्या 3009-10 में 49 प्रतिशत बढ़ी जबकि भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट जारी रही और सालाना 11 प्रतिशत की गिरावट दर्ज हुई। रिपोर्ट में कहा भारतीय छात्रों की संख्या में गिरावट 2009-10 में चरम पर पहुंचने के बाद शुरू हुई। माना जाता है कि इसकी वजह अध्ययन के बाद वीजा की अनिवार्यताओं में किया गया बदलाव रही। लंदन में पढ़ने आने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्र जिन देशों से आते हैं उनमें शीर्ष 10 देशों में इटली, जर्मनी, फ्रांस, हांगकांग, यूनान, मलेशिया और नाइजीरिया शामिल हैं।