लंदन: ब्रिटेन की सबसे बड़ी पुलिस में नस्लवाद के खिलाफ लड़ने वाले भारतीय मूल के पूर्व स्कॉटलैंड यार्ड अधिकारी को लगभग 30 वर्ष पहले एक कैदी के साथ यौन उत्पीड़न करने के आरोप से मुक्त कर दिया गया है जिसके बारे में उन्होंने दावा किया कि यह उनकी प्रतिष्ठा को नष्ट करने के लिए लगाया गया था।
लंदन में साउथवार्क क्राउन अदालत में कल गुरपाल विरदी (56) को कथित तौर पर 1986 में हुई घटना के मामले से आरोपमुक्त किया गया
उन्होंने अदालत में कहा यह उस विभाग की प्रतिक्रिया है जो 1998 से मेरे पीछे पड़ा है, मेरी जांच कर रहा है, हर ओर मेरा पीछा कर रहा है तथा मेरा फोन रिकॉर्ड कर रहा है।
विरदी ने वर्ष 1998 में ब्रिटेन की सबसे बड़ी पुलिस में नस्लवाद की जांच में स्टीफंस लॉरेंस को साक्ष्य दिया था।
उन्होंने द गार्जियन से कहा यह वही विभाग है जो वर्ष 1998 से मेरे पीछे रहा है। वह विभाग नस्लवाद का कैंसर है जिसे रोकने की जरूरत है लेकिन किसी में ऐसा करने का साहस नहीं।
यौन उत्पीड़न के आरोपों के बारे में उन्होंने कहा है यह मुझे चुप कराने और उसके बाद समाज में बुरा दिखाने के लिए किया गया था। लोग मुझसे बचने लगे थे। इसका अभिप्राय मुझे बर्बार्द करने से था।
विरदी मेट्रोपोलिटन पुलिस के खिलाफ दो मामले जीत चुके हैं।