हैमबर्ग: विजय माल्या जैसे भगोड़ों को भारत वापस लाने के लिए की जा रही कोशिश के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज ब्रिटेन की पीएम टेरीजा मे से अपील की है कि भारत में आर्थिक अपराधों के मामलों में कानूनी कार्रवाई से बचकर ब्रिटेन भागे भारत के नागरिकों को वापस लाने में अपने देश का सहयोग सुनिश्चित करे।
विजय माल्या पिछले कई महीनों से ब्रिटेन में रह रहे हैं, उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी है। ब्रिटेन से उनको भारत भेजने के मामले में लंदन की एक अदालत में सुनवाई चल रही है। पीएम मोदी की यहां जी20 शिखर सम्मेलन के दौरान ब्रिटेन की प्रधानमंत्री के साथ अलग से बैठक हुई। इस बैठक में भगोड़े अभियुक्तों को भारत को सौंपने के मामलों में ब्रिटेन की मदद मांगी गई। दोनों नेताओं ने विभिन्न क्षेत्रों में भारत और ब्रिटेन के संबंधों पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने बैठक के बाद ट्वीट में कहा कि प्रधानमंत्री ने भागे हुये भारतीय आर्थिक अपराधियों को लौटाने में ब्रिटेन के सहयोग के लिए कहा। यह पूछे जाने पर कि क्या यह अनुरोध केवल माल्या के मामले तक सीमित था या इसमें ललित मोदी का भी उल्लेख किया गया तो बागले का जवाब था, 'मैं विवरण में नहीं पड़ना चाहता पर ट्वीट में जो शब्दावली प्रयोग की गयी है उसमें भाग कर गए आर्थकि अपराधियों का उल्लेख है और यह बहुवचन में है।'
किंगफिशर एयरलाइंस के 9,000 करोड़ रुपये के रिण को नहीं लाटाये जाने से जुड़े मामले में माल्या की भारत में तलाश है। वह मार्च 2016 से ही ब्रिटेन में हैं। भारत और ब्रिटेन के बीच प्रर्त्यपण संधि है जिसपर 1992 में हस्ताक्षर किये गये। हालांकि इस संधि के तहत अब तक केवल एक प्रत्यर्पण ही हो पाया है। संधि के तहत समीरभाई वीनूभाई पटेल को पिछले साल अक्तूबर में भारत को लौटा दिया गया ताकि उन पर 2002 में गुजरात में गोधरा कांड के बाद के दंगों के मामले में मुकदमा चलाया जा सके।