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सुरक्षा परिषद में भारत, जर्मनी, ब्राजील, जापान को स्थायी सदस्यता देना निहायत जरूरी: फ्रांस

संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के दूत ने कहा कि भारत और जर्मनी, ब्राजील तथा जापान जैसे देशों को समसामयिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए बृहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों के तौर पर शामिल करने की “नितांत आवश्यकता” है।

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: May 07, 2019 16:33 IST
UN Security Council- India TV Hindi
UN Security Council

संयुक्त राष्ट्र: संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के दूत ने कहा कि भारत और जर्मनी, ब्राजील तथा जापान जैसे देशों को समसामयिक वास्तविकताओं को बेहतर ढंग से प्रतिबिंबित करने के लिए बृहत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में स्थायी सदस्यों के तौर पर शामिल करने की “नितांत आवश्यकता” है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र की महत्वपूर्ण संस्था में इन प्रमुख सदस्यों को शामिल करना फ्रांस की “रणनीतिक” प्राथमिकताओं में शामिल है। 

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संयुक्त राष्ट्र में फ्रांस के स्थायी प्रतिनिधि फ्रांसवा डेलातरे ने पिछले हफ्ते यहां संवाददाताओं से कहा, “नीति के लिहाज से फ्रांस एवं जर्मनी की नीति मजबूत है जो सुरक्षा परिषद को विस्तार देने के लिए साथ काम करने और उस बातचीत में सफल होने से जुड़ी है । जिससे सुरक्षा परिषद का दायरा बढ़े, जिसे हम विश्व को जैसा है वैसा ही बेहतर ढंग से दर्शाने के लिए निहायत ही जरूरी मानते हैं। इसको लेकर कोई सवाल नहीं उठता है।” 

अप्रैल के लिए संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी की अध्यक्षता के अंत में संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के दूत क्रिस्टोफ ह्यूसजन के साथ बोलते हुए डेलातरे ने जोर दिया कि फ्रांस मानता है कि, “जर्मनी, जापान, भारत, ब्राजील और विशेष रूप से अफ्रीका का उचित प्रतिनिधित्व सुरक्षा परिषद में निष्पक्ष प्रतिनिधित्व की दिशा में अत्यंत आवश्यक है। यह हमारे लिए प्राथमिकता का विषय है।” उन्होंने रेखांकित किया कि फ्रांस का मानना है कि कुछ प्रमुख सदस्यों को जोड़ने के साथ सुरक्षा परिषद को बृहत बनाना “हमारी रणनीतिक प्राथमिकताओं में से एक है।” भारत संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद के लंबे समय से लंबित पड़े सुधारों के लिए दवाब देने वाले प्रयासों में सबसे आगे रहा है और इस बात पर जोर देने में भी कि वह संयुक्त राष्ट्र की महत्त्वपूर्ण संस्था में एक स्थायी सदस्य के तौर पर उचित जगह का हकदार है। 

संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि सैयद अकबरुद्दीन ने इस साल की शुरुआत में पूर्ण अंतरसरकारी वार्ता की अनौपचारिक बैठक में समान प्रतनिधित्व और सुरक्षा परिषद की सदस्यता बढ़ाने के सवाल पर कहा था कि ‘सदस्यता की श्रेणियों’ के मुद्दे पर कुल 122 में से 113 सदस्य राष्ट्रों ने फ्रेमवर्क डॉक्युमेंट में अपनी स्थिति साफ की थी और चार्टर में मौजूदा दोनों श्रेणियों के विस्तार का समर्थन किया था। उन्होंने कहा था, “कुल मिलाकर दस्तावेज में 90 प्रतिशत से ज्यादा लिखित विवरणों में चार्टर में निर्दिष्ट सदस्यता की दोनों श्रेणियों के विस्तार के पक्ष में हैं।” अकबरुद्दीन ने कहा था कि संयुक्त राष्ट्र में सुधार एक कार्यक्रम की बजाए एक प्रक्रिया है हालांकि, “हमारी समझ में कोई ऐसी प्रक्रिया नहीं है जो सुरक्षा परिषद में सुधार की प्रक्रिया जितनी जटिल रही हो।” 

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