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ह्यूमन राइट्स वाच ने कहा, 'बाल श्रम के खिलाफ कार्रवाई करें'

अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वाच ने सोमवार को जारी एक वीडियो में कहा है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रमिकों को जाने से रोकने के लिए कारोबारी क्षेत्र का बेहतर विनियमन किया जाना चाहिए।

IANS
Updated on: June 06, 2016 19:10 IST
take action against child labor- India TV Hindi
take action against child labor

जेनेवा: अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार संस्था ह्यूमन राइट्स वॉच ने सोमवार को जारी एक वीडियो में कहा है कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रमिकों को जाने से रोकने के लिए कारोबारी क्षेत्र का बेहतर विनियमन किया जाना चाहिए। यह रिपोर्ट बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस 12 जून के पहले आई है। विश्व बाल श्रम दिवस 2016 का थीम 'वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में बाल श्रम' है।

वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए सामान बनाने और सेवा देने में लाखों बच्चे पीड़ा सहते हैं, रोगी बनते हैं, चोट लगती है और कई बार वे मौत के भी शिकार हो जाते हैं। ह्यूमन राइट्स वॉच ने कृषि, खनन, चमड़ा और वस्त्र उद्योग के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में खतरनाक बाल श्रम का अपने दस्तावेज में उल्लेख किया है।

'ह्यूमन राइट्स वॉच' के जो बेकर ने कहा, "उपभोक्ताओं के पास सामान्यतया किसी भी तरह से यह जानने का रास्ता नहीं रहता कि वे जो खाना खा रहे हैं, कपड़े और गहने वे जो पहन रहे हैं या अन्य उत्पाद जो वे खरीदते हैं वे बाल श्रम से बने हैं।"

बेकर ने यह भी कहा कि कंपनियों को बच्चों का शोषण करके लाभ नहीं कमाना चाहिए। वीडियो में दिखाया गया है कि बच्चे फिलीपींस एवं तंजानिया स्थिति सोने की खदान में काम कर रहे हैं, अफगानिस्तान में कालीन बुन रहे हैं, अमेरिका के तंबाकू वाले खेतों में कड़ी मेहनत कर रहे हैं।

आज की वैश्विक अर्थव्यवस्था में काम अक्सर जटिल आपूर्ति श्रृंखला पर ही निर्भर करता है। हो सकता है कि कच्चा माल कई देशों में पैदा हुआ हो, लेकिन उसका प्रसंस्करण या माल तैयार दूसरे देश में किया गया हो और दुनिया भर के बाजार में उसकी खपत होती हो। बच्चों का इस आपूर्ति श्रृंखला में किसी भी चरण में शोषण हो सकता है, लेकिन बाल श्रम उत्पादन के शुरुआती चरणों में बहुत आम है।

अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ) का आकलन है कि दुनिया भर में 16 करोड़ 80 लाख बच्चे बाल श्रम में शामिल हैं। इनमें 8.5 करोड़ बच्चे खतरनाक काम में लगे हैं, जो उनके स्वास्थ्य एवं सुरक्षा को खतरे में डालता है।

बांग्लादेश के चमड़ा कारखाने, जो हर साल एक अरब डॉलर से अधिक का चमड़ा निर्यात करते हैं, अक्सर बच्चों को नियुक्त करते हैं। उनमें से कई की उम्र तो 11 साल होती है। कुछ खतरनाक रसायनों के संपर्क में आकर बीमार पड़ जाते हैं और कई बार काम की डरावनी जगह पर दुर्घटना में घायल हो जाते हैं।

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