रेचल की मां का कहना है कि फ्रेया ने ही रिचल को मौत से लड़ने की की हिम्मत दी थी और अब वह रेचल को चलना, बोलना और खाना सिखा रही है। रेचल की मां का कहना है कि मैं और फ्रेया रेचल के साथ बैठते है और बच्चों की किताबें पढ़ते है जिसे सुनकर रेचल केवल मुस्कराती है। फ्रेया को पेज बदलते देख रेचल भी अब पेज बदलना सीख गई है। उसी प्रकार से फ्रेया जब कोई कविता गाती है तो रेचल उसे खत्म करती है। फ्रेया के बिना रेचल कभी भी ठीक नहीं हो सकती फ्रेया के साथ रहने से रेचल की तबीयत में काफी सुधार आया है।