भारत में यौन शोषण के खिलाफ कानून
1997 में एक ऐतिहासिक फैसले में भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने कार्यस्थल में महिलाओं के यौन उत्पीड़न के खिलाफ एक मजबूत पक्ष लिया। न्यायालय ने शिकायतों से बचने और इनके निवारण के लिए विस्तृत दिशा-निर्देश भी जारी किया। बाद में राष्ट्रीय महिला आयोग ने इन दिशा-निर्देशों को नियोक्ताओं के लिए एक आचार संहिता के रूप में प्रस्तुत किया। अनुच्छेद 354 के तहत किसी महिला पर उसकी मर्यादा भंग करने के इरादे से उस पर हमले करने या आपराधिक बल प्रयोग करने पर 2 वर्ष की कैद की सजा या जुर्माना या दोनों के दंड का प्रावधान है।