नई दिल्ली। पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन की दिशा में काम करने का दावा करने वाली स्वीडन की एक्टिविस्ट ग्रेटा थनबर्ग एक बार फिर से किसान आंदोलन को लेकर बयान दिया है। ग्रेटा थुनबर्ग ने अपने बयान में कहा है, "मैं अभी भी किसानों के साथ खड़ी हैं और उनके शांतिपूर्वक विरोध का समर्थन करती हैं, मेरे खिलाफ नफरत, धमकी और मानव अधिकार उलंघन से यह नहीं बदलेगा।" थुनबर्ग ने मंगलवार को ट्वीट किया, ‘‘ हम भारत में किसानों के आंदोलन के प्रति एकजुट हैं।’’
जलवायु कार्यकर्ता लिसीप्रिया कंगुजम ने थनबर्ग से प्रदर्शन को समर्थन देने का अनुरोध किया था और कहा था कि किसान पहले ही जलवायु परिवर्तन जैसे संकट का सामना कर रहे हैं। उसने ट्वीट किया,‘‘ ग्रेटा थनबर्ग लाखों भारतीय किसानों की आवाज को समर्थन दें। यह उनके अधिकारों का विश्व का सबसे बड़ा ऐतिहासिक प्रदर्शन है।’
दिल्ली में किसान आंदोलन की वजह से 26 जनवरी को लाल किले पर उग्र प्रदर्शन हुआ है और कई जगहों पर हिंसक घटनाएं भी हुई है ऐसे में पुलिस ग्रेटा थुनबर्ग के ट्वीट को भड़काऊ मान रही है और उसके खिलाफ FIR दर्ज की है। पुलिस ने भड़काऊ ट्वीट को लेकर इसके खिलाफ अलग-अलग धारा 120 बी, 153 ए और आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। हालांकि इस FIR के बावजूद ग्रेटा थुनबर्ग ने एक बार फिर से किसानों आंदोलन के समर्थन में ट्वीट किया है, हालांकि इस बार उन्होंने अपने ट्वीट संदेश में कहा है कि वह 'शांतिपूर्ण' विरोध प्रदर्शन का समर्थन करती है।
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