बर्लिन: जर्मनी की पुलिस 89 वर्षीय एक ऐसी महिला की तलाश में है जो कई बार होलोकास्ट से इंकार के मामले में दोषी करार दी जा चुकी है। दरअसल महिला होलोकास्ट की घटना से इंकार करती रही है। होलोकास्ट यहूदियों को खत्म करने का एक योजनाबद्ध प्रयास था। उर्सूला हैवरबैक को जर्मनी की मीडिया नाजी ओमा (नाजी दादी) कहती है। महिला को लोगों को उकसाने के 8 आरोपों में दोषी करार दिया गया और उसे 2 साल की सजा सुनाई गई।
महिला अपनी सजा भुगतने के लिए 23 अप्रैल तक भी जेल नहीं पहुंची। अदालत ने महिला को 23 अप्रैल तक जेल पहुंचने का समय दिया था। अभियोजकों ने एक बयान में कहा,’जेल पहुंचने की अंतिम समय-सीमा तक जेल नहीं पहुंचने के बाद वॉर्डेन के अभियोजकों ने 4 मई 2018 को इस काम के लिए पुलिस को लगाया है।’ उन्होंने बताया कि आरोपी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है। होलोकास्ट से इंकार के मामले में उसे कई मौकों पर सजा सुनाई गई है।
2015 में एक मुकदमे के दौरान महिला ने कहा था कि ऑशविट्ज के बारे में यह साबित नहीं किया गया है कि वह एक मौत का शिविर था। हैवरबेक ने कहा था कि ऑशविट्ज ‘बस एक धारणा’ है। महिला ने एक बार टेलिविजन पर होलोकास्ट के बारे में कहा था, ‘होलोकास्ट दुनिया और इतिहास का सबसे बड़ा झूठ’ है। ऑशविट्ज-बिरकेनऊ शिविर में 1940-1945 के बीच करीब 11 लाख लोग मारे गए थे, इनमें से ज्यादातर यूरोपीय यहूदी थे। इस शिविर को सोवियत संघ के सैनिकों ने बाद में मुक्त कराया।