Highlights
- फार्म ने यह कदम अफ्रीकी स्वाइन फीवर का एक मामला सामने आने के बाद उठाया।
- पिछले साल जर्मनी में जंगली सूअरों में ऐसे मामले सबसे पहले सामने आए थे।
- अफ्रीकी स्वाइन बुखार आमतौर पर सूअरों के लिए घातक होता है लेकिन यह मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता है।
बर्लिन: जर्मनी में सूअरों के एक फार्म ने बुधवार को अपने सभी 4000 जानवरों को मारना शुरू कर दिया है। फार्म ने यह कदम अफ्रीकी स्वाइन फीवर का एक मामला सामने आने के बाद उठाया। स्वाइन फीवर फैलने का यह मामला बर्लिन से लगभग 185 किलोमीटर उत्तर-पश्चिम में स्थित गुएस्त्रो के पास एक सूअर फार्म में आया है। पिछले साल जर्मनी में जंगली सूअरों में ऐसे मामले सबसे पहले सामने आए थे। अफ्रीकी स्वाइन बुखार आमतौर पर सूअरों के लिए घातक होता है लेकिन यह मनुष्यों को प्रभावित नहीं करता है।
कई यूरोपीय देशों में फैला स्वाइन फीवर
अफ्रीकी स्वाइन फीवर कई यूरोपीय देशों में फैल गया है, जिससे जंगली सूअर और फार्म वाले सूअर प्रभावित हुए हैं। बता दें कि अफ्रीकी स्वाइन फीवर सूअरों के लिए काफी घातक होता है और इसका असर दुनिया के कई देशों में देखने को मिला है। भारत की बात करें तो पिछले साल मई में असम में अफ्रीकी स्वाइन फीवर के संक्रमण से 13 हजार से ज्यादा सूअरों की मौत हो गई है। स्वाइन फीवर के मामले सामने आने के बाद सूबे में पशुपालन में लगे सैकड़ों लोगों की आजीविका प्रभावित हुई थी।
भारत भी नहीं रहा है इससे अछूता
इस साल सामने आया था कि मिजोरम में मार्च के अंत से अगस्त तक, सिर्फ 5 महीनों में ‘अफ्रीकी स्वाइन फीवर’ से 25 हजार से अधिक सूअरों की मौत हुई थी जिससे 121 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान हुआ था। विषाणुजनित रोग को और फैलने से रोकने के लिए हजारों सूअरों को मार डाला गया था। इस तरह देखा जाए तो पिछले कुछ सालों में अफ्रीकी स्वाइन फ्लू ने दुनिया के कई देशों को प्रभावित किया है।