नई दिल्ली। पूरी दुनिया में अलग-अलग धर्मों को लेकर बहस होती रहती है। इस्लाम को लेकर भी दुनिया भर के विद्वानों के कई तरह के मत हैं, लेकिन जर्मनी के 74 वर्षीय लेखक थिलो सारराजिन प्रवास और इस्लाम से संबंधित एक किताब लिखना भारी पड़ सकता है। थिलो सारराजिन को उनकी किताब “Hostile Takeover: How Islam Hampers Progress and Threatens Society” को लेकर उनकी पार्टी जर्मन सोशल डेमोक्रेट्स से बाहर का रास्ता दिखाया जा सकता है।
उनकी इस किताब की वजह से ही जर्मन सोशल डेमोक्रेट्स (एसपीडी) की बर्लिन शाखा के स्थानीय पंचाट आयोग ने फैसला सुनाया है कि पार्टी को 74 वर्षीय थिलो सारराज़िन से निष्कासित करने की अनुमति है। जिस किताब की वजह से थिलो को निष्काषित करने का निर्णय लिया गया, उसकी 3.5 लाख से ज्यादा प्रतियां बिक चुकी हैं, जो पिछले साल मार्केट में आई थी।
पार्टी का मानना है कि थिलो सारराजिन की वजह से SPD को काफी नुकसान हुआ क्योंकि विरोधियों द्वारा इस बात को बार-बार उठाया गया कि वो पार्टी के सद्रय हैं। आरोप यह भी लगाया जाता है कि उनकी विचारों और किताब की वजह से SFD की विश्वसनीयता, मूल्यों और मान्यताओं दोनों के प्रति प्रतिबद्धता को कम करके आंका गया।
हालांकि सारराजिन के वकील का कहना है कि वो इस निर्णय के खिलाफ अपील करेंगे, क्योंकि यह निर्णय लोकल यूनिट द्वारा लिया गया है इसलिए वो अंतिम निर्णय लिए जाने तक पार्टी के सद्स्य रहेंगे। इससे पहले सारराजिन ने कहा था कि अगर जरूरत पड़ी तो वो इस निर्णय के खिलाफ कोर्ट जाएंगे।
जर्मनी के एक स्थानीय न्यूज हाउस से बात करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि किसी किताब या विचार की वजह से किसी को भी पार्टी से निकाल फेंकना चाहिए।