स्टॉकहोम: अमेरिकी वैज्ञानिकों फ्रांसेस अर्नोल्ड और जार्ज स्मिथ तथा ब्रिटिश अनुसंधानकर्ता ग्रेगरी विंटर ने बुधवार को रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार जीता। चयन मंडल ने कहा कि क्रमविकास के सिद्धांतों का उपयोग कर जैव ईंधन से ले कर औषधि तक, हर चीज बनाने में इस्तेमाल होने वाले प्रोटीनों का विकास करने के लिए तीनों वैज्ञानिकों को रसायन विज्ञान के क्षेत्र में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार के लिए चुना गया। अर्नोल्ड ने 90 लाख स्वीडिश क्रोनोर (करीब 10.1 लाख डॉलर या 870,000 यूरो) की आधी रकम जीत ली। शेष आधी रकम स्मिथ और विंटर के बीच बंटेगी।
इससे पहले भौतिक विज्ञान के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार की घोषणा मंगलवार को की गई थी। अमेरिका के आर्थर अश्किन को पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा और फ्रांस के जेरार्ड मोउरो और कनाडा की डोना स्ट्रिकलैंड को साझे रूप से पुरस्कार राशि का आधा हिस्सा मिलेगा। इन वैज्ञानिकों के आविष्कार ने उद्योग और चिकित्सा के क्षेत्र में अतिउन्नत मशीन के निर्माण का रास्ता प्रशस्त कर दिया है।
चिकित्सा के क्षेत्र में भी प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार 2 लोगों को सामूहिक तौर पर दिया जा रहा है। टेक्सास यूनिवर्सिटी के जेम्स पी एलिसन और जापान की क्योटो यूनिवर्सिटी के तासुकू होंजो को कैंसर थेेरेपी की खोज के लिए संयुक्त रूप से यह सम्मान दिया जा रहा है। कैंसर की दुर्लभ बीमारी की इलाज के लिए दोनों वैज्ञानिकों ने ऐसी थेरपी विकसित की है जिससे शरीर की कोशिकाओं में इम्यून सिस्टम को कैंसर ट्यूमर से लड़ने के लिए मजबूत बनाया जा सकेगा।