पेरिस: फ्रांस के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रूढि़वादी फ्रांस्वा फिलन ने आज पहले चरण के मतदान में हार स्वीकार कर ली और मध्यमार्गी एमैनुअल मैक्रोन का नाम धुर दक्षिणपंथी मरीन ली पेन के विरूद्ध आगे बढ़ाया है। फिलन कभी राष्ट्रपति के दौर में आगे माने जाते थे। उन्होंने बताया कि उन्होंने बहुत सारी बाधाओं का सामना किया। उन्होंने घोषणा की है कि वह मैक्रोन के लिए वोट करेंगे। उन्होंने बताया कि धुर दक्षिणपंथी के विरोध में मतदान करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है।
चीनी राष्ट्रपति ने अपनी सेना से कहा, जंग के लिए हमेशा तैयार रहें
लू पेन और मैक्रोन के बीच आखिरी दौर तक चलने वाली कांटे की टक्कर में मैक्रोन ने बाजी मारी। पूर्व वित्त मंत्री और पिछले साल अपनी पार्टी बनाने वाले मैक्रोन को IFOP ने 23.7 प्रतिशत वोट मिलने का अनुमान लगाया वहीं, नैशनल फ्रंट की लू पेन को IFOP के अनुमान में 21.7 प्रतिशत वोट मिले। युवा नेता मैक्रोन (39) लू पेन के मुकाबले राजनीति में नए हैं और अभी तक किसी भी चुने गए पद पर नहीं रहे हैं लेकिन रविवार को सामने आए ऑपिनियन पोल्स में वह 48 साल की लू पेन से आगे चल रहे हैं।
उत्तर कोरिया में चल रही है तीसरे विश्व युद्ध की तैयारी
पहले राउंड के नतीजों के बाद फ्रांस पर 60 सालों से भी ज्यादा समय तक राज्य करने वाले राजनीतिक गुटों को बड़ी हार का सामना करना पड़ा। अपनी विजयी बयान में मैक्रोन ने अपने समर्थकों से आगे बढ़ने का संदेश देते हुए कहा, 'एक साल में हमने फ्रांस की राजनीति की तस्वीर बदल दी है। अंतिम नतीजे आने से पहले ही प्रतिदंद्वी कंजरवेटिव और सोशलिस्ट उम्मीदवारों ने हार स्वीकार करते हुए अपने समर्थकों को मैक्रोन को सपोर्ट करने को कहा। दोनों उम्मीदवारों ने कहा कि दूसरे राउंड में लू पेन की जीत रोकना जरूरी है क्योंकि उनकी ऐंटी-इमिग्रेशन और ऐंटी-यूरोप नीतियां फ्रांस के लिए घातक हैं।