पेरिस: फ्रांस में सरकार के टैक्स बढ़ाने के विरोध में चल रहे प्रदर्शन अब उग्र होने लगे हैं। ताजा हालात को देखते हुए देश के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने रविवार को प्रदर्शनकारियों से मुलाकात करने का फैसला किया है। राजधानी पेरिस में प्रदर्शनकारियों के तोड़फोड़ को अंजाम देने से 133 लोगों के घायल होने के बाद यह कदम उठाया गया है। मैक्रों अर्जेन्टीना के ब्यूनस आयर्स में चल रहे जी-20 सम्मेलन में भाग लेने गए हुए हैं और उनका देर सुबह देश पहुंचने का कार्यक्रम है। वापसी के बाद वह प्रधानमंत्री, गृह मंत्री और सुरक्षा का काम देख रहे सर्वोच्च अधिकारियों से मुलाकात करेंगे।
ताजा आंकड़ों के अनुसार पेरिस पुलिस ने शनिवार को अबतक के सबसे खराब उपद्रव में शामिल 412 लोगों को गिरफ्तार किया गया जबकि इससे पहले 378 लोग ऐसे ही मामलों में हिरासत में हैं। उपद्रव में घायल हुए कुल 133 लोगों में से सुरक्षा बल के 23 सदस्य भी शामिल हैं। इससे पहले मैक्रों ने ब्यूनस आयर्स से वापसी से पहले कहा कि वह हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करेंगे। मैक्रों ने कहा, ‘अधिकारियों पर हमले, वाणिज्य-व्यापार में लूटपाट, राहगीरों या पत्रकारों को धमकी देना या आर्क दू त्रायंफ का उल्लंघन करना, किसी भी सूरत में तर्कपूर्ण नहीं हो सकता है।’
पेरिस में बड़ी संख्या में लोग आपात स्थिति में पहने जाने वाले पीले रंग के जैकेट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं। ब्यूनस आयर्स में जलवायु परिवर्तन की दिशा में समान विचारधारा वाले सभी देशों को साथ लाने के लिए मैक्रों पूरी जी-जान से कोशिश कर रहे हैं। लेकिन, बार-बार उनसे फ्रांस में चल रहे प्रदर्शनों पर सवाल पूछा गया। उन्होंने कहा, ‘इस हिंसा के लिए दोषी लोग बदलाव नहीं चाहते हैं, वे लोग सुधार नहीं चाहते, उन्हें सिर्फ अराजकता चाहिए। वे लोग जिस कारण का समर्थन करने की ढोंग करते हैं, उसे ही धोखा दे रहे हैं।’
मैक्रों ने कहा, ‘उन सभी की पहचान की जाएगी और उन्हें न्याय की जद में लाया जाएगा।’ उन्होंने कहा कि पेरिस वापसी के साथ ही प्रदर्शनों के सिलसिले में अपने प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के साथ बैठक करेंगे। मैक्रों ने कहा, ‘मैं हमेशा बहस का सम्मान करूंगा। मैं हमेशा विपक्ष की बात सुनूंगा लेकिन हिंसा को कभी स्वीकार नहीं करूंगा।’