लंदन: नौकरी से निकाले जाने का दुख हर व्यक्ति को होता है लेकिन इससे भी बड़ी चिंता यह होती है कि अब कैसे घर की जरूरतों को पूरा किया जाएगा। हमें यह सोचने पर मजबूर होना पड़ता है कि किस प्रकार खर्चों को पूरा किया जाए। लेकिन एक देश ऐसा है जहां पर नौकरी खोने वालों को किसी बात की कोई चिंता नहीं करना पड़ेगी। वहां के लोग बिना नौकरी के भी आराम से आपना जीवन जी सकते हैं। आपको यह बात सुनने में अटपटी लग रही होगी लेकिन यह सच है। जी हां हम बात कर रहे हैं यूरोप के एक देश फिनलैंड की।
फिनलैंड यूरोप का पहला ऐसा देश है जिसने अपने बेरोजगार नागरिकों को बेसिक सैलरी के तौर पर 590 यूरो यानी (40,168 रुपए) देने का फैसला किया है। यह एक अनोखा सामाजिक प्रयोग है जिससे उम्मीद की जा रही है कि इससे सरकार की लाल फीताशाही और गरीबी में कमी आएगी और साथ ही रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा। फिनिश सोशल इन्श्योरेंस इन्स्टीट्यूट (केला) जो कि देश के हित के लिए सोचती है का कहना है कि इस योजना की शुरूआत 1 जनवरी से की जाएगी। योजना के तहत 2000 बेरोजगार लोगों को 2 साल के लिए प्रति माह 590 यूरो दिए जाएंगे। उन्होंने कहा कि ये सभी लोग प्रतिमाह मिलने वाले पैसों तो अपनी इच्छानुसार खर्च कर सकते हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की कोई रिपोर्ट नहीं देनी पड़ेगी।
एक ऑफिशियल डाटा के अनुसार फिनलैंड के प्राइवेट सेक्टर में प्रतिमाह औसत आय 3,500 यूरो है। इस योजना का मुख्य लक्ष्य यह है कि बेरोजगार लोग भी बाकी सभी रोजगार लोगों की तरह आराम से अपना जीवन जी सके। बेरोजगार लोगों को नौकरी खोने का दुख ना हो और वह खुद को कमजोर ना समझें। केला के अनुसार यदि इन 2000 लोगों में से किसी को भी एक अच्छी नौकरी मिलती है तो भी उसे हर माह 590 यूरो मिलते रहेंगे। इस योजना से यह जानने में मदद मिलेगी की प्रति माह फ्री में पैसे पाकर लोग कैसा महसूस करते हैं। इस योजना पर कुछ आलोचकों ने भी अपनी राय रखी है। आलोचकों का यह मानना है कि इस योजना के कारण लोग और भी ज्यादा आलसी और कामचोर हो जाएंगे।