Friday, November 22, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. विदेश
  3. यूरोप
  4. ईयू में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पर हुई चर्चा, फ्रांस के सदस्य ने दिया पाकिस्तान का हाथ होने का संकेत

ईयू में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पर हुई चर्चा, फ्रांस के सदस्य ने दिया पाकिस्तान का हाथ होने का संकेत

भारत के संशोधित नागिरकता कानून (सीएए) के खिलाफ यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) द्वारा पेश संयुक्त प्रस्ताव पर ब्रसेल्स में चर्चा हुई और इस पर गुरुवार को होने वाले मतदान को मार्च सत्र तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। 

Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: January 30, 2020 9:25 IST
ईयू में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पर हुई चर्चा, फ्रांस के सदस्य ने दिया पाकिस्तान का हाथ होने का संकेत- India TV Hindi
ईयू में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पर हुई चर्चा, फ्रांस के सदस्य ने दिया पाकिस्तान का हाथ होने का संकेत

लंदन: भारत के संशोधित नागिरकता कानून (सीएए) के खिलाफ यूरोपीय संसद के सदस्यों (एमईपी) द्वारा पेश संयुक्त प्रस्ताव पर ब्रसेल्स में चर्चा हुई और इस पर गुरुवार को होने वाले मतदान को मार्च सत्र तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। यूरोपीय संघ की उपाध्यक्ष और विदेशी मामलों एवं सुरक्षा नीति के लिए संघ की उच्च प्रतिनिधि हेलेना डेल्ली ने चर्चा की शुरुआत की और भारत के साथ यूरोपीय संघ के साथ ‘खुले, ईमानदार और मजबूत’ रिश्तों के पक्ष में मुखरता से अपने विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के 15वें भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए मार्च में ब्रसेल्स आने का भी जिक्र किया। 

डेल्ली ने कहा, ‘‘हमारा मानना है कि यह देखना भारत के उच्चतम न्यायालय का काम है कि कानून का अनुपालन संविधान के दायरे में हो और हमें विश्वास है कि देश में पिछले कुछ हफ्तों से जारी तनाव एवं हिंसा को कम करने के लिए न्यायिक प्रक्रिया अपना काम करेगी।’’ उन्होंने भारत के साथ एक सम्मानित लोकतंत्र और यूरोपीय संघ के मूल्यवान साथी के रूप में वार्ता जारी रखने और उसे बढ़ाने के संदेश के साथ अपनी बात पूरी की। 

यूरोपीय संसद में भारतीय मूल के दो सदस्यों दिनेश धमीजा और नीना गिल ने भी संसदीय प्रस्ताव में सीएए और राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) को लेकर गलत जानकारी को रेखांकित करते हुए भारत के पक्ष में बात रखी। यूरोपीय संसद में फ्रांस के सदस्य थियरी मारिआनी ने प्रस्ताव पर चर्चा में पाकिस्तान का हाथ होने का संकेत दिया, वहीं बाकियों ने इसे हस्तक्षेप बताते हुए अन्य देश का आंतरिक मामला बताया। 

वहीं संसद पाकिस्तान मूल के सदस्य शफक मोहम्मद और ब्रिटेन के जॉन होवार्थ एवं स्कॉट एंसली ने सीएए को एक बेहद भेदभावपूर्ण कानून बताते हुए आरोप लगाया कि यूरोपीय संघ ने भारत की कूटनीतिक लॉबी के सामने घुटने टेक दिए हैं और प्रस्ताव पर मतदान को स्थगित करके मानवाधिकारों की चिंताओं पर व्यापारिक एवं व्यावसायिक हितों को प्राथमिकता दी है। इसके जवाब में संसद में पोलैंड के सदस्य आर. सी. ने कहा, ‘‘आज सही समझ और सम्मान की लॉबी की जीत हुई।’’ 

यूरोपीय संसद ने घोषणा की कि प्रस्ताव पर मतदान पूर्ण सत्र में मार्च में किया जाएगा। यूरोपीय संसद ने बयान में कहा, ‘‘ब्रसेल्स में बुधवार को पूर्ण सत्र में एमईपी (यूरोपीय संसद के सदस्यों) की चर्चा के बाद, भारत के संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) 2019 से संबंधित संयुक्त प्रस्ताव पर मतदान को मार्च सत्र तक स्थगित किया जाता है।’’ 

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार को यूरोपीय संसद अध्यक्ष डेविड मारिया सासोली को उक्त प्रस्तावों के संदर्भ में पत्र लिखकर कहा कि एक देश की संसद द्वारा दूसरी संसद के लिए फैसला देना अनुचित है और निहित स्वार्थो के लिए इनका दुरुपयोग हो सकता है। बिरला ने पत्र में लिखा था, ‘‘अंतर संसदीय संघ के सदस्य के नाते हमें दूसरे देशों, विशेष रूप से लोकतांत्रिक देशों की संसद की संप्रभु प्रक्रियाओं का सम्मान रखना चाहिए।’’ 

यूरोपीय संसद के प्रस्ताव में मुसलमानों को संरक्षण प्रदान नहीं किये जाने की निंदा की गयी है। इसमें यह भी कहा गया है कि भूटान, बर्मा, नेपाल और श्रीलंका से भारत की सीमा लगी होने के बाद भी सीएए के दायरे में श्रीलंकाई तमिल नहीं आते जो भारत में सबसे बड़ा शरणार्थी समूह है और 30 साल से अधिक समय से रह रहे हैं।

Latest World News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Europe News in Hindi के लिए क्लिक करें विदेश सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement