रोम: यूरोप गर्मी के मौसम में सामान्य स्थिति की ओर बढ़ता हुआ प्रतीत हो रहा है और यह एक ऐसी बेहतर स्थिति है, जिसके बारे में कुछ सप्ताह पहले तक सोचा भी नहीं जा सकता था। यूरोप का एक भी देश प्रति 1,00,000 की आबादी पर संक्रमण के नए मामलों के लिहाज से फिलहाल दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल नहीं है। कोविड-19 महामारी से बेहद प्रभावित रहे इटली ने जब यूरोविजन सॉन्ग कॉन्टेस्ट (यूरोविजन गीत प्रतियोगिता) का मुक़ाबला अपने नाम किया तो यह जीत यहां के लोगों के लिए किसी मनौवैज्ञानिक जीत से बढ़कर थी।
यूरोप में बढ़ रही है टीकाकरण की दर
पूरे यूरोप में संक्रमण के मामलों और अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने की संख्या में कमी आ रही है और मरीजों की मौत भी घट रही है। पिछले साल पतझड़ और शीतकाल में दुनिया भर में सबसे ज्यादा मरीज यहीं सामने आए और इस ख़तरनाक वायरस की वजह से लाखों लोगों की जिंदगी छिन गई। मरीजों की बढ़ी संख्या से अस्पतालों में आईसीयू बिस्तरों की कमी हो गई थी और सरकारें बेहद कड़े लॉकडाउन लगाने को मजबूर हुईं। अब पूरे महाद्वीप में टीकाकरण की दर बढ़ रही है और इसके साथ ही इबिसा, क्रेट और क्रोसिका में गर्मी की छुट्टियाँ बिताने का पर्यटकों का सपना भी बढ़ रहा है।
यूरोप जाने लगे हैं अमेरिकी पर्यटक
ऐसी उम्मीद है कि स्पेन और इटली में फिर से पर्यटन उद्योग के दिन बदल जाएंगे। यह एक ऐसा उद्योग है, जो स्पेन और इटली के सकल घरेलू उत्पाद में 13 फीसदी का योगदान देता है। मिलान के मोंटेनापोलियन लक्जरी शॉपिंग जिले के अध्यक्ष गुगलीएल्मो मियानी ने कहा, ‘हम 2020 के बारे में बात नहीं करते हैं, हम मौजूदा स्थिति की बात कर रहे हैं।’ यहां यूरोपीय और अमेरिकी पर्यटकों का आना तो शुरू हो गया है और ऐसी उम्मीद है कि एशियाई पर्यटक अगले साल आएंगे।
यूरोप में मिली जबर्दस्त राहत
विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूरोपीय बीमारी नियंत्रण व रोकथाम केंद्र के अनुसार दुनिया के अन्य हिस्से के मुक़ाबले यूरोप में इस सप्ताह कोविड-19 के नए मामलों और मौतों में सबसे बड़ी कमी आई है। वहीं यहां के कम से कम 44 फीसदी व्यस्कों ने कोविड-19 रोधी टीके की कम से कम एक खुराक ले ली है। अब यूरोप का कोई भी देश प्रति 100,000 की जनसंख्या पर कोरोना वायरस संक्रमण के नये मामलों को लेकर दुनिया के 10 शीर्ष देशों में शामिल नहीं है। सिर्फ जॉर्जिया, लिथुआनिया और स्वीडन ही शीर्ष 20 में शामिल हैं।
अब इन देशों को है खतरा
WHO के आपात स्थिति प्रमुख डॉक्टर माइकल रियान ने कहा कि वायरस दक्षिणपूर्वी एशिया और लातिन अमेरिका में तेज गति से पांव पसार रहा है। इस सप्ताह तो मालदीव और सेशेल्स इससे बेहद प्रभावित रहे। उन्होंने ऐसे में आगाह किया है कि वैश्विक स्तर पर स्थिति के ‘नाज़ुक और अस्थिर’ होने के बीच ऐसा नहीं है कि यूरोप इस खतरे से बाहर है। ब्रिटेन की सरकार ने गुरुवार को ही आगाह किया था कि संक्रमण के नए मामलों में से 50 से 70 फीसदी मामले कोरोना वायरस के उस स्वरूप के हैं जो सबसे पहले भारत में चिह्नित किया गया। इसके मद्देनजर 21 जून को सामाजिक प्रतिबंध हटाए जाने की योजना में देरी हो सकती है।