ब्रसेल्स: यूरोपीय संघ आज 20 से अधिक देशों के साथ करीबी रक्षा संबंध की दिशा में कदम उठाते हुए एक ऐतिहासिक समझौते पर हस्ताक्षर करेगा, जिसका लक्ष्य ब्रेक्जिट और क्रीमिया के प्रति रूस के रूख के बाद आपसी सहयोग बढ़ाना होगा। (31वें आसियान सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में पहुंचे पीएम मोदी)
सैन्य संबंध गहरे करने के ऐसे प्रयास दशकों से किये जा रहे थे, लेकिन ब्रिटेन के लगातार विरोध के कारण यह कभी सफल नहीं हो सका। ब्रेक्जिट और रूस के 2014 में क्रीमिया पर संयोजन के बाद मजबूत यूरोपीय सुरक्षा की आवश्यकता एक बार फिर खड़ी हो गई है।
रक्षा समझौते पर स्थायी संरचित सहयोग (पीईएससीओ), यूरोपीय संघ के सदस्यों के बीच रक्षा बढ़ाने की कोशिश और नए सैन्य हार्डवेयर के विकास में समन्वय में सुधार करना चाहता है। यह समझौता ब्रिटेन के अलग होने के बाद जर्मनी और फ्रांस के नेतृत्व में यूरोपीय संघ को फिर खड़ा करने के लिए किए जा रहे प्रयासों का हिस्सा है। रक्षा सहयोग के संबंध में जून में यूरोपीय संघ ने 5.5 अरब यूरो की रक्षा निधि की घोषणा भी की थी।