ब्रसेल्स: रोहिंग्या अल्पसंख्यकों के खिलाफ बल प्रयोग करने के लिए यूरोपीय संघ म्यांमार के वरिष्ठ सैन्य प्रमुखों के साथ संबंधों पर रोक लगायेगा। यूरोपीय संघ ने यह भी चेतावनी दी कि अगर संकट में सुधार नहीं आता तो वह प्रतिबंधों पर विचार कर सकता है।
अगस्त से रोहिंग्या मुसलमानों पर सैन्य कार्रवाई के कारण अब तक 50 लाख से ज्यादा रोहिंग्या बांग्लादेश भाग चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र ने इस स्थिति को नस्ली संहार बताया है। (पाक ने दिखाई भारत के साथ शांतिपूर्ण संबंध स्थापित करने की इच्छा)
ईयू के राजदूतों ने समझौते को मंजूरी दे दी है और सोमवार को विदेश मंत्रियों की बैठक में इस पर हस्ताक्षर होने वाला है। इसमें कहा गया है कि इतने लोगों का अचानक भाग जाना स्पष्ट रूप से संकेत देता है कि अल्पसंख्यकों को निर्वासित करने की जानबूझकर की गई कार्रवाई है।