पेरिस: राष्ट्रपति चुनाव में उदार मध्यमार्गी एमानुएल मैक्रों अपनी प्रतिद्वंद्वी धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन को हराकर फ्रांस देश के सबसे युवा राष्ट्रपति बन गए हैं। मैक्रों की जीत के साथ ही पूरे पेरिस में जश्न का दौर शुरू हो गया। मैक्रों की जीत से गदगद यूरोपीय संघ (ईयू) ने उन्हें बधाई दी है। फ्रांस में रविवार को हुए अंतिम दौर के चुनाव में मैक्रों (39) को कुल 66.06 फीसदी वोट मिले। आज मैक्रों लेंगे राष्ट्रपति पद की शपथ।('आप की अदालत' में बोले कपिल, 'केजरीवाल ने कहा था तुम्हें खुदकुशी करनी पड़ )
फ्रांस में मध्यमार्गी उदारवादी इमानुएल मैक्रों रविवार को राष्ट्रपति पद की शपथ लेंगे। उन्होंने सात मई को दूसरे दौर के चुनाव में धुर दक्षिणपंथी नेशनल फ्रंट की उम्मीदवार मरीन ले पेन को हराया। उन्हें 66 प्रतिशत वोट मिले। शपथ-ग्रहण समारोह यहां एलिसी पैलेस में होगा, जिसके लिए सुरक्षा सहित अन्य इंतजाम पूरे कर लिए गए हैं।
'द टेलीग्रफ' की रिपोर्ट के मुताबिक, मैक्रों (39) फ्रांस के आधुनिक इतिहास में सबसे युवा राष्ट्रपति होंगे। इससे पहले 1848 में नेपोलियन बोनापार्ट 40 साल की उम्र में यहां के सबसे युवा राष्ट्रपति बने थे।
मैक्रों रेड कार्पेट से चलकर पैलेस की सीढ़ियों तक पहुंचेंगे और वहां निवर्तमान सोशलिस्ट राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद से हाथ मिलाने की पारंपरिक औपचारिकता पूरी करेंगे।
वह रेड कार्पेट पर अपनी पत्नी ब्रिजिट ट्रॉगनेक्स के साथ होंगे। लेकिन चूंकि निवर्तमान प्रथम महिला नहीं हैं, इसलिए प्रोटोकॉल के तहत उन्हें मैक्रों से पहले पैलेस में प्रवेश करने दिया जाएगा।
मैक्रों और ओलांद प्रशासन से जुड़े मसलों पर करीब आधा घंटा निजी मुलाकात करेंगे। ओलांद उन्हें फ्रांस के परमाणु शस्त्रागार के कोड भी सौंपेंगे।
मैक्रों रिपब्लिक गार्ड की समीक्षा करेंगे और उन्हें 21 बंदूकों की सलामी दी जाएगी।
पदभार संभालने के बाद वह प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा भी करेंगे।
मैक्रों का पहला विदेश दौरा सोमवार को बर्लिन का होगा। फ्रांस में राष्ट्रपति के पदभार संभालने के तुरंत बाद जर्मनी जाने की परंपरा रही है।