लंदन: अर्थ आवर के मौके पर दुनियाभर के इमारतों की लाइट्स घंटे भर के लिए बुझाई गईं। पेरिस के मशहूर एफिल टॉवर, लंदन के टॉवर ब्रिज, बिग बेन, नई दिल्ली के इंडिया गेट समेत दुनियाभर में प्रमुख इमारतों की लाइटों को घंटे भर के लिए बुझा दिया गया। शनिवार रात को सिडनी के ओपेरा हाउस, कुआलालंपुर के पेट्रोनास टॉवर्स, स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग कैसल, बर्लिन के ब्रांडेनबर्ग गेट और मास्को के सेंट बासिल्स कैथेड्रल में भी बत्तियों को बुझा दिया गया। इस मौके पर मोरक्को के कैसाब्लांका में ऐतिहासिक हसन द्वितीय मस्जिद में शनिवार को अर्थ ऑवर के मौके पर एक घंटे तक अंधेरा किया गया।
यह दृश्य एक घंटे तक रहा और यह पूरी तरह से सांकेतिक था। दुनियाभर में रात 8:30 बजे लोगों ने अर्थ आवर के लिए लाइटें बंद की। यह जलवायु परिवर्तन से निपटने की अहमियत बताने के लिए अंतर्राष्ट्रीय एकजुटता के लिए वैश्विक अपील थी। अर्थ आवर की शुरुआत 2007 में ऑस्ट्रेलिया के सिडनी में हुई थी और यह 180 से ज्यादा देशों में मनाया जाता है जिसमें लाखों लोग शिरकत करते हैं। भारत के पर्यावरण मंत्री हर्षवर्धन ने कहा कि ये60 मिनट हमें उपभोग की संस्कृति को बदलने का एक मौका देते हैं।
दिल्ली में प्रथम विश्व में शहीद हुए भारतीय सैनिकों की याद में बनाए गए स्मारक इंडिया गेट पर कई लोग शनिवार की रात में जुटे। उधर, जॉर्डन की राजधानी अम्मान में रॉयल सोसाइटी फॉर कंजर्वेशन ऑफ नेचर ने एक पहाड़ी पर 11,440 मोमबत्तियों का गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया। हर साल की तरह इस साल भी दुनिया भर के लाखों लोगों ने जलवायु परिवर्तन को रोकने व पृथ्वी की रक्षा के लिए इस कार्यक्रम में भाग लेते हुए अपने घरों की लाइटों को एक घंटे के लिए बंद किया।