नई दिल्ली। कोई व्यक्ति कोरोना से संक्रिमित है या नहीं, इसका पता कुत्ते भी सूंघकर बता सकते हैं, फ्रांस में कोरोना मरीजों को पता करने के लिए कुत्तों की क्षमता पर हुई एक स्टडी में यह जानकारी निकलकर सामने आई है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार स्टडी में पता चला है कि कोरोना मरीज की पहचान के लिए जो रैपिड टेस्ट किए जाते हैं उनमें अधिकतर की ऐक्यरसी के मुकाबले कुत्तों की ऐक्यरसी ज्यादा बेहतर पाई गई है। स्टडी के अनुसार कोरोना मरीजों को पहचानने के लिए कुत्तों की ऐक्यरसी 97 प्रतिशत रिकॉर्ड की गई है।
फ्रांस में की गई इस स्टडी में कुल 335 लोगों और 9 कुत्तों का इस्तेमाल किया गया था। कुल 335 लोगों में 109 लोग कोरोना पॉजिटिव थे जिनकी कुत्तों ने पहचान की थी और RTPCR टेस्ट में भी उन्हें कोरोना पॉजिटिव बताया गया था।
इस नई स्टडी के बाद भीड़भाड़ वाली जगहों पर कोरोना मरीजों की पहचान के लिए कुत्तों का इस्तेमाल किए जाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, बस स्टैंड जैसी जगहों पर प्रशिक्षित कुत्तों के जरिए कोरोना के मरीजों की पहचान की जा सकती है। कुत्ते कुछ सेकेंड में संक्रमित व्यक्ति का पता कर सकते हैं जबकि टेस्ट में कम से कम 15 मिनट का समय लगता है।
इस बीच भारत में भी वैज्ञानिकों ने एक ऐसी कोरोना टेस्टिंग तकनीक तैयार की है जिसके जरिए घर पर रहकर ही कोरोना टेस्ट किया जा सकेगा और इसकी लागत भी सिर्फ 250 रुपए है। कोविसेल्फ नाम की इस टेस्टिंग किट को पुणे की माई लैब नाम की कंपनी ने बनाया है। महज ढाई सौ रूपये कीमत वाली इस टेस्टिंग किट को यूज करना बहुत आसान है। कंपनी ने कहा है कि जिन लोगों को कोरोना के सिम्टम्स दिख रहे हैं या जो लोग कोरोना के मरीज के कॉन्टैक्ट में आए हैं।