लंदन: कोरोना वायरस का सबसे पहले भारत में सामने आया डेल्टा स्वरूप या बी1.617.2 अब ब्रिटेन में चिंता की वजह बन गया है और इसके प्रकोप से अस्पतालों में मरीजों की संख्या बढ़ने की आशंका है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य अधिकारियों ने यह बात कही। देश में कोविड के सभी स्वरूपों पर नजर रखने वाले पब्लिक हेल्थ इंग्लैंड (पीएचई) के अनुसार वायरस के डेल्टा स्वरूप से संक्रमण के मामले एक सप्ताह में 5,472 बढ़ गये और बृहस्पतिवार को कुल मामलों की संख्या 12,431 हो गयी। ताजा आंकड़ों को देखने के बाद विशेषज्ञों ने कहा कि डेल्टा नुकसान के मामले में अल्फा से ज्यादा असर वाला दिख रहा है।
ब्रिटेन की स्वास्थ्य सुरक्षा एजेंसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ जैनी हैरीस ने कहा, ‘‘अब पूरे ब्रिटेन में फैल चुके वायरस के इस स्वरूप को देखते हुए जरूरी है कि हम सभी यथासंभव अधिक से अधिक एहतियात बरतें।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोग घरों से काम करें, हर समय वे हाथ, चेहरा और आसपास की जगह को साफ रखें। अगर टीका नहीं लगवाया है तो टीका लगवाएं और टीके की दूसरी खुराक भी लें। इससे जिंदगियां बचेंगी।’’
बता दें कि कोरोना के इस वैरिएंट की भारत के लगभग सभी राज्यों में मौजूदगी दर्ज की गई है। डेल्टा वैरिएंट का सबसे ज्यादा असर दिल्ली, आंध्र प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा और तेलंगाना में देखने को मिला है। डेल्टा, अल्फा वैरिएंट की तुलना में 50% तेजी से फैलता है। वैक्सीन लेने के बाद भी कोरोना के इस वैरिएंट से संक्रमित होने की संभावनाएं ज्यादा हैं। भारत में कोरोना का डेल्टा वैरिएंट सबसे प्रमुख वैरिएंट है।
भारत में दूसरी लहर में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट ने सभी वैरिएंट को पीछे छोड़ दिया है। देश में कोरोना के डेल्टा वैरिएंट से मृत्यु दर और इसकी गंभीरता के बारे में अभी स्पष्ट जानकारी नहीं मिल सकी है। देश में इस वैरिएंट को चिंता का विषय बताया गया है, इसके 12 हजार से ज्यादा मामले अब तक पाए गए हैं। यह जानकारी NCDC (नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल) के अध्ययन में सामने आई है।
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