पेरिस: फ्रांस के एक अभियोजक ने बताया कि पेरिस में हुए सिलसिलेवार हमलों को आतंकियों की तीन टीमों ने अंजाम दिया। इस हमले में अब तक 129 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 352 अन्य घायल हुए हैं। पेरिस के अभियोजक फ्रांस्वा मोलिंस ने कहा कि बर्बर कृत्य के बाद 99 घायल लोगों की हालत गंभीर है। उन्होंने कहा कि बाटाक्लां कंसर्ट हॉल में हमले के दौरान हमलावरों ने अपनी जानलेवा कार्रवाई के दौरान सीरिया और इराक का उल्लेख किया था। कंसर्ट हॉल में सबसे ज्यादा 89 लोग मारे गए। राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलोंद ने आईएस के शुक्रवार की रात हुए हमलों की जिम्मेदारी लेने के बाद संगठन के खिलाफ फ्रांस के निष्ठुर युद्ध शुरू करने का प्रण लिया। यूरोप में आज दुख, चौकसी और ठोस संकल्प का माहौल रहा।
फ्रांसीसी अधिकारी सातों हमलावरों से जुड़ी सूचना को एक साथ जोड़ने में लगे रहे। अधिकारियों ने कहा कि उनमें से एक युवा फ्रांसीसी नागरिक था जिसे खुफिया अधिकारी जानते थे। साथ ही एक दूसरे हमलावर के शव के पास सीरिया का पासपोर्ट पाया गया। यह पासपोर्ट पिछले महीने यूनान के एक द्वीप के रास्ते यूरोपीय संघ में प्रवेश करने वाले एक व्यक्ति से संबंधित है। तीन दिनों के राष्ट्रीय शोक की घोषणा करने और देश की सुरक्षा को सर्वोच्च स्तर तक बढ़ाने वाले ओलोंद ने नरसंहार को घरेलू मदद से विदेश में तैयार, संगठित और योजनाबद्ध युद्ध की कर्रवाई बताया।
राष्ट्रपति ने कहा कि आईएस को कुचलने के लिए फ्रांस अपने सैन्य प्रयास बढ़ा देगा। फ्रांस सीरिया और इराक में आईएस के संदिग्ध ठिकानों पर बमबारी करने वाले अमेरिकी नेतृत्व वाले गठबंधन का हिस्सा है और उसके सैनिक अफ्रीका में भी आतंकियों से लोहा ले रहे हैं। ओलोंद ने कहा कि फ्रांस इस्लामिक स्टेट समूह के बर्बर लोगों के खिलाफ निष्ठुर होगा। आतंकी समूह इस्लामिक स्टेट के जेहादियों ने शहर के एक कंसर्ट हॉल, कई रेस्त्रांओं और राष्ट्रीय खेल स्टेडियम पर किए गए हमलों की जिम्मेदारी ली। सिलसिलेवार हमलों के तहत हुए आत्मघाती हमले फ्रांस की जमीं पर हुए इस तरह के पहले हमले थे। राजनीतिक विचारक संगठन यूरेशिया ग्रुप के विश्लेषकों ने कहा कि हमलों से इस्लामिक स्टेट के काम करने के तरीके में एक संरचनात्मक बदलाव की पुष्टि होती है और लगता है कि ये पश्चिम में और हमलों की शुरूआत है।
फ्रांस की सड़के रविवार को वीरान रहीं। अधिकारियों ने 2004 में स्पेन के मैड्रिड में हुए ट्रेन हमलों के बाद से यूरोप में हुए सबसे भीषण हमलों के बाद देश में आपात स्थिति की घोषणा की। इसी साल जनवरी में यहां व्यंग्य पत्रिका शार्ली हेब्दो के दफ्तर और एक यहूदी सुपरमार्केट पर हमला किया गया किया था जिनमें 17 लोग मारे गए थे। अगस्त महीने में बड़ा हमला उस वक्त टल गया था जब एक हाई-स्पीड ट्रेन से एक बंदूकधारी को पकड़कर हमला विफल किया गया था। पेरिस में हुए हमलों के संदर्भ में रविवार सुबह तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया। यह भी स्पष्ट नहीं है कि क्या कोई बंदूकधारी अब भी फरार है। पुलिस कई स्थानों की वीडियो फुटेज खंगाल रही है।